कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
लखनऊ। कोरोना को लेकर देश में संकट बना हुआ है और इस बीच ऐसी तस्वीरें निकलकर सामने आ रही हैं, जो दिखा रही है कि इस कोरोना महामारी ने इंसान को कितना बेबस कर दिया है. ऐसी ही तस्वीर हापुड़ जनपद से निकलकर सामने आई है. यहां लॉकडाउन में काम न मिलने की वजह से एक बाप अपनी मासूम बच्ची का सही इलाज न करा सका और सही इलाज के अभाव में बच्ची की मौत हो गई. उधर मामले में जिला प्रशासन की तरफ से एक प्रेस नोट जारी किया गया है, जिसमें परिवार को राशन उपलब्ध कराने की बात कही गई है. साथ ही परिवार के सामने आर्थिक तंगी की बात को गलत बताया है.
3 महीने से काम नहीं मिला
मामला हापुड़ कोतवाली क्षेत्र के हर्ष विहार का है. दर्जी का काम करने वाले सुंदर नाम के पिता को लॉकडाऊन में 3 महीने से काम नहीं मिला. उनकी 2 साल की मासूम बच्ची लीवर की बीमारी से जूझ रही थी. बेबस पिता ने कोशिश तो बहुत की लेकिन बेटी को सही इलाज न दिलवा सके. जिसके अभाव में 2 वर्षीय बेटी ने दम तोड़ दिया. सुंदर एक किराये के मकान में रहकर परिवार का गुजारा कर रहा है. लॉकडाउन में काम पूरी तरह बंद था. सुंदर कपड़े सिलाई का काम करते हैं लेकिन लॉकडाउन के कारण उनका काम पूरी तरह से बंद हो गया.
बच्ची की मां ने बयां किया दर्द
बच्ची की मां हेमा बेटी की मौत की बात बताते हुए आंखों में आंसू लिए अपना दर्द बयां कर रही थी. हेमा ने बताया कि जब से लॉकडाउन लगा, तभी से बच्ची बीमार चल रही थी. हमारे पास इलाज कराने के लिए रुपये नहीं थे. कई बार लोगों से रुपये उधार मांगे लेकिन नहीं मिले. सरकार लॉकडाउन बढ़ाती रही, लॉकडाउन के चक्कर मे उनकी बेटी चली गई.
जिला प्रशासन ने आर्थिक तंगी की बात को बताया गलत
इस मामले में जिला प्रशासन की तरफ से एक प्रेस नोट जारी किया गया है, जिसमें परिवार को राशन उपलब्ध कराने की बात कही गई है. साथ ही परिवार के सामने आर्थिक तंगी की बात को गलत बताया है.