मूलशंकर की रिपोर्ट
हापुड़: लॉक डाउन के दौरान मजदूरों की बेबसी की कई कहानियां हाइवे पर देखने को मिल रहीं हैं, जिसने हमारी व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। वहीँ इसी बीच कई तस्वीरें ऐसीं भी आयीं, जिसने फर्ज की नयी तस्वीरें पेश कर खाकी के लिए लोगों में और सम्मान पैदा कर दिया। कुछ ऐसा ही आज जनपद में दिल्ली-लखनऊ हाइवे पर बाबूगढ़ थाने पर देखने को मिला। यहां एक महिला दस दिन पहले डिलीवरी के बाद दिल्ली से पति के साथ अपने नवजात बच्चे को लेकर पैदल ही संभल जा रही थी। हाइवे पर मौजूद कोतवाल उत्तम सिंह राठौर ने जैसे ही दम्पत्ति की स्थिति जानी तो फ़ौरन ही उन्हें रोका खाने-पीने के साथ उन्हें रोडवेज बस से संभल तक भिजवाया।
मजदूरी करता है दिल्ली में
संभल निवासी मुनेन्द्र दिल्ली में मजदूरी करता था, दस दिन पहले उसकी पत्नी को बच्चा हुआ। लेकिन मौजूदा स्थिति में उसने गांव जाना बेहतर समझा।लेकिन कोई साधन नहीं मिला तो वो पत्नी और नवजात बच्चे के साथ पैदल ही संभल के लिए चल पड़ा। अभी वो दिल्ली-लखनऊ हाइवे पर बाबूगढ़ कोतवाली पर ही पहुंचा था कि चेकिंग कर रही पुलिस की नजर इस दम्पत्ति पर पड़ गयी। जैसे ही पुलिस कर्मियों ने कोतवाल उत्तम सिंह राठौर को ये बात बताई तो उन्होंने फौरन दम्पत्ति को आराम से बैठाने के साथ उनके खाने-पीने का इंतजाम करवाया। उसके बाद हाइवे पर रोडवेज बस को रोककर उन्हें बैठाया। पुलिस का ये व्यवहार देख दम्पत्ति काफी खुश नजर आए।
चेकिंग कर रही थी पुलिस
कोतवाल उत्तम सिंह राठौर ने बताया कि हाईवे पर मजदूर या अन्य नागरिक पैदल न चलें उसके लिए पुलिस लगातार गश्त पर है। दम्पति की स्थिति देख उन्हें रोका गया और बस से इंतजाम कर भिजवाया गया। किसी को भी थाना पुलिस पैदल नहीं गुजरने दे रही है।