मनोज यादव की रिपोर्ट
मूसाझाग। 22 मार्च को सुबह से ही पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र के आह्वान पर जनता कर्फ्यू लगा है। इस कर्फ्यू के साथ प्रधानमंत्री ने आज शाम 5 बजे लोगों से घर की छत पर, बालकनी में और घर के दरवाजे, खिड़कियों पर आकर ताली, थाली बजाने की भी अपील की है। सोशल मीडिया पर इस पर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया आ रही है। दरअसल इसका कुछ लाभ है भी या नहीं, क्या इससे कोरोना भागेगा। इसके पीछे वैज्ञानिक और धार्मिक पक्ष क्या है बता रहे हैं पंडित राकेश झा…
1/5क्या ताली थाली बजाने से मिलेगा लाभ
दरअसल ताली और थाली बजाने से कोरोना का कोई लेना-देना नहीं हैं। इन दिनों लोगों में कोरोना को लेकर डर का माहौल बना हुआ है। इसी डर को कम करने के लिए ताली और थाली बजाने की बात प्रधानमंत्री ने की है। दरअसल रोग हो या शत्रु उससे जीत हासिल करने के लिए सबसे पहले हमारे इरादों को मजबूत होना जरूरी है। हमें इस समय कमजोर नहीं पड़ना है, सबको एकजुट होकर इस गंभीर हालात से लड़ना है। लेकिन इसके पीछ महज इतनी बात नहीं है। इतिहास के पन्नों में जाकर देखेंगे तो आपको यह भी पता लगेगा कि इसी तरह की एक पहल से भगवान राम के पूर्वज महाराजा रघु ने कमाल कर दिखाया था और अपने जमाने से गंभीर रोग का अंत कर दिखाया था।
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