उपनिदेशक कृषि ने सुनीं किसानों की समस्याएं
दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
गोंडा। बुधवार को विकास भवन सभागार में किसान दिवस का आयोजन हुआ, जिसमें उपनिदेशक कृषि डा0 मुकुल तिवारी ने किसानों की समस्याएं सुनीं तथा उन्हें कृषक उपज व्यापार तथा वाणिज्य अधिनियम- 2020 के सम्बन्ध में विस्तार से बताया।
किसान दिवस में आए किसानों को बताया गया कि सरकार द्वारा लाए गए अधिनियम से किसानों की समग्र उन्नति, उनकी आय में वृद्धि एवं किसानों को लाभदायक इन्टरप्राइज बनाए जाने की तरफ एक सशक्त कदम है। इस दौरान किसानों द्वारा अधिनियम से जुड़े तमाम अहम सवाल जैसे- अधिनियम के लागू होने के बाद किसानों को समर्थन मूल्य योजना का लाभ मिलेगा या नहीं, कृषि करार के कारण किसानों की भूमि पर पूंजीपतियों के कब्जे, किसानों को उपज का भुगतान, किसान से वसूली सहित कई तरह के सवाल किए गए, जिस पर डीडी एग्रीकल्चर द्वारा उनकी आशंकाओं का समाधान किया गया। उन्होंने कहा कि कृषि संशोधन अधिनियम किसी भी तरह किसानों के खिलाफ नहीं है।
बैठक में किसानों को बताया गया कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा फसल अवशेष जलाने को अपराध घोषित किया गया है, जिसके तहत फसल अवशेष जलाने पर छोटे किसानों को ढाई हजार रूपए तथा बड़े किसानों को पांच हजार रूपए अर्थदण्ड लगाया जाएगा। उन्होंने किसानों को फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुकसानों के बारे में बताते हुए अपील की कि वे सब अपने-अपने गांवों के किसानों को इस बारे में जागरूक करें और फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में भी बताएं। उन्होने बताया कि फसल अवशेष जलाने से वायु प्रदूषण के साथ-साथ मृदा स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है और मृदा के अन्दर पाए जाने वाले जीवाश्म मर जाते हैं जिससे मृदा की उपजाऊ क्षमता बहुत कम हो जाती है। इसके अतिरिक्त ऐसा करने से जानवरों को खिलाने के लिए चारे की समस्या भी पैदा हो जाती है। इसलिए किसानों को जागरूक होने के जरूरत है। इसके अलावा बैठक में किसानों की अन्य समस्याओं को सुनकर सम्बन्धित विभाग को समयबद्ध कार्यवाही करने की अपेक्षा की गई। उन्होंने कहा कि जनपद में उर्वरकों की कहीं कोई कमी नहीं है। इसके अतिरिक्त सरकारी बीज गोदामों पर बीज भी उपलब्ध हो गया है। इसलिए किसानबन्धु समय से बुआई करें तथाा अच्छी उपज का लाभ उठाएं।
बैठक में उपनिदेशक कृषि डा0 मुकुल तिवारी, उपनिदेशक रेशम सतेन्द्र सिंह, एक्सईएन नहर खण्ड सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी व कृषकबन्धु उपस्थित रहे।