चुन्नी लाल प्रधान की रिपोर्ट
गोंडा। प्रदेश में इस बार होने जा रहे त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए हुए परिसीमन के बाद सम्भल, गोण्डा और मुरादाबाद जिलों में ग्राम पंचायतें की संख्या में इजाफा हुआ है। सबसे अधिक कुल 160 ग्राम पंचायतें गोण्डा जिले में बढ़ी हैं। सम्भल में 114 और मुरादाबाद में 55 पंचायतों का इजाफा हुआ। जहां तक कम होने का सवाल है तो सर्वाधिक 63 ग्राम पंचायतें सिद्धार्थनगर जिले में कम हुई हैं।
अलीगढ़ जिले में इस परिसीमन के बाद कुल 35 ग्राम पंचायतें कम हो गयीं। 2015 के पंचायत चुनाव में इस जिले में कुल 902 पंचायतें थीं जबकि इस बार यहां 867 पंचायतें ही बचीं हैं। गोरखपुर में 60 ग्राम पंचायतें कम हुईं। 2015 के पंचायत चुनाव में यहां 1354 ग्राम पंचायतें थीं, इस बार परिसीमन के बाद यहां 1294 पंचायतें रह गयीं हैं। गोण्डा जिले में घटने के बजाए 160 ग्राम पंचायतें बढ़ गयीं। 2015 के पंचायत चुनाव में गोण्डा जिले में 1054 ग्राम पंचायतें थीं जबकि बार यहां 1214 ग्राम पंचायतें हो गयीं। गोण्डा जिले में इस बार नये सिरे पूरा परिसीमन किया गया है। 2015 के चुनाव में कानूनी अड़चनों की वजह से यहां परिसीमन नहीं हो सका था। अयोध्या जिले में भी 41 ग्राम पंचायतें कम हुई हैं। यहां 2015 के पंचायत चुनाव में 835 ग्राम पंचायतें थी जबकि इस बार यहां 794 पंचायतें बची हैं।
बस्ती जिले में 62 ग्राम पंचायतें कम हुई हैं। 2015 के चुनाव में यहां 1247 ग्राम पंचायतों का चुनाव हुआ था जबकि इस बार यहां 1185 पंचायतों का चुनाव होगा। सिद्धार्थनगर में भी 63 ग्राम पंचायत कम हो गयी हैं। 2015 में यहां 1199 ग्राम पंचायतें थीं परिसीमन के बाद अब यहां 1136 पंचायतें बचीं। मुरादाबाद में भी इस बार पूरा परिसीमन करवाया गया। यहां 55 ग्राम पंचायतें बढ़ीं। 2015 में यहां 588 ग्राम पंचायतें थीं जबकि अब यहां 643 ग्राम पंचायतें हैं। सम्भल जिले में भी इस बार नये सिरे से पूरा परिसीमन हुआ, यहां सबसे ज्यादा कुल 114 ग्राम पंचायतें बढ़ीं। 2015 में यहां 556 पंचायतें थीं जबकि इस बार यहां 670 ग्राम पंचायतें हो गयी हैं। गौतमबुद्धनगर में भी नये सिरे से पूरा परिसीमन हुआ मगर यहां 65 ग्राम पंचायतें कम हो गयीं। 2015 में यहां 153 पंचायतें थीं जबकि इस बार यहां घटकर 88 ग्राम पंचायतें ही रह गयी हैं।