राम जनम यादव की रिपोर्ट
गाजियाबाद : प्रदेश में आए दिन दलित उत्पीड़न, अत्याचार से व्यथित गाजियाबाद के 50 वाल्मीकि परिवारों के लगभग 236 लोगों ने बाबा साहब के पड-पोते राज रत्न अंबेडकर के सानिध्य में धर्म परिवर्तन करते हुए बौद्ध धर्म को अपना लिया है।
उत्तर प्रदेश गाजियाबाद जिले के थाना साहिबाबाद क्षेत्र में स्थित करहैड़ा गांव में हुई बाल्मीकि समाज की एक सभा के दौरान यह फैसला लिया गया, प्रदेश के हाथरस कांड के बाद क्षेत्र के बाल्मीकि समाज मे जबरदस्त आक्रोश का माहौल देखने को मिला, प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए यहां के दलित परिवारों का कहना है कि समाज में उनकी उपेक्षा की जा रही है उनकी व्यथा कोई सुनने वाला नहीं है जिसके चलते हाथरस जैसे कांड सामने आते हैं प्रदेश मे हाथरस जैसी घटना इसी का परिणाम है जिसे लेकर बाल्मीकि समाज सरकार के रवैये से काफी नाराज दिखा ।
विगत 14 अक्टूबर को वाल्मीकि समुदाय के लोगों ने करहेड़ा गांव में एक सभा आयोजित की जिसमें प्रदेश के हाथरस कांड का मुद्दा उठाते हुए सभा मे यह फैसला लिया गया कि गांव में मौजूद बाल्मीकि समाज के लोग धर्म परिवर्तन करते हुए बौद्ध धर्म अपनाएंगे।
करहेड़ा गांव में रह रहे बाल्मीकि समाज के लोगों का कहना है कि उनका हर क्षेत्र में उत्पीड़न किया जा रहा है। प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए गांव के लोगों का कहना है कि उनकी समस्याओं का सरकार द्वारा कोई निराकरण नहीं किया जा रहा है उनके साथ प्रदेश भर में भेदभाव लगातार जारी है, करहेड़ा गांव के बाल्मीकि समाज के लोगों द्वारा धर्म परिवर्तन करने पर सभी को बौद्ध धर्म का दीक्षा प्रमाण पत्र भी बांटा गया।
प्रदर्शित चित्र प्रतीकात्मक है – संपादक