लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ की फोटो एडिट कर अमर्यादित शब्दों को लिखकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले युवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. यह एफआईआर डीजीपी मुख्यालय के निर्देश पर हजरतगंज थाने में दर्ज की गई. 28 जून को पोस्ट किए गए वीडियो और फोटो की सत्यता की जांच लखनऊ के एसीपी साइबर कर रहे थे. जांच के बाद रविवार को यह कार्रवाई की गई।
लखनऊ पुलिस के मुताबिक, बिहार के बेगूसराय के रहने वाले राजेश रंजन ने 28 जून को ट्विटर पर सीएम योगी आदित्यनाथ की एक फोटो एडिट कर पोस्ट की थी. इस फ़ोटो के साथ अमर्यादित शब्द प्रयोग किए गए थे. यही नहीं राजेश रंजन ने अपने फेसबुक एकाउंट में भी अमर्यादित शब्दों के साथ एक वीडियो पोस्ट किया था. इसमें योगी आदित्यनाथ और यूपी के अन्य कई मंत्रियों को आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया था।
सोशल मीडिया पर राजेश रंजन के पोस्ट का डीजीपी मुख्यालय ने संज्ञान लिया था. अपर पुलिस अधीक्षक एटीएस/सोशल मीडिया सेल राहुल श्रीवास्तव ने लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट से इस मामले की जांच करने के लिए कहा था. इसके बाद लखनऊ साइबर सेल एसीपी ने जांच की थी और आरोप सही पाए गए थे. सोशल मीडिया पर खुद को आरजेडी से जुड़ा होने का दावा करने वाले आरोपी राजेश रंजन ने ट्विटर पर एक तश्वीर पोस्ट की थी. इसमें सीएम योगी आदित्यनाथ को यूएनओ हॉल में आदिवासी के रूप में बैठा दिखाया गया था।
इंस्पेक्टर हजरतगंज अखिलेश मिश्रा ने बताया कि सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सरकार के कई मंत्रियों के खिलाफ आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट किए गए थे. जांच में सामने आया था कि यह सभी पोस्ट राजेश रंजन नाम के व्यक्ति ने किए थे. इस पर उसके खिलाफ 153b (देश की अखंडता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करना), 200, 269 आईटी एक्ट समेत 10 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.