हरिओम दिवाकर की रिपोर्ट
बिंदकी फतेहपुर। बाल मजदूरी कानूनन अपराध है। यह भले ही कानून की दृष्टि में है किन्तु राजकीय प्राइमरी स्कूलों में यह कानून कोई मायने नहीं रखता है।सायद यही वजह है कि विकास खण्ड देवमई के हिम्मतपुर प्राइमरी स्कूल की प्रधानाध्यापिका को स्कूल के बच्चों से बाल मजदूरी कराने से कोई गुरेज नही है।
प्रधानाध्यापिका द्वारा स्कूल के छोटे बच्चों से स्कूल की सफाई कराने और ईट ढुलवाने का वायरल हुए वीडियो के अनुसार देवमई विकास खण्ड के प्राइमरी स्कूल की प्रधानाध्यापिका स्कूल के बच्चों से रोजाना स्कूल की साफ सफाई कराती है।हद तो तब हो गई जब बच्चों से ईट मौरम को ढुलवाने काम कराकर सरकार द्वारा बाल मजदूरी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की परवाह किए बिना मजदूरों का काम ले लिया। सवाल यह उठता है कि स्कूल बच्चों को शिक्षित और सांस्कारिक बनाने के लिए होता है या मजदूरी कराने के लिए होता है।
स्कूल में बच्चों से बाल मजदूरी कराने को लेकर अभिभावकों ने भी ऐतराज जताया है।