हरिओम दिवाकर की रिपोर्ट
बिंदकी /फतेहपुर। अमौली विकास खंड के चादपुर निवासी पालिटेक्निक के छात्र दिलीप कुमार ने अपने सहयोगी विनोद कुमार के साथ मिलकर ऑटोमेटिक वाटर मशीन तैयार किया है।संक्रमण से बचाव के लिये यह मशीन रेलवे,एयरपोर्ट,सरकारी कार्यालयो,होटलो,सार्वजनिक स्थानो मे लगाकर संक्रमण के प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
दिलीप बिन्दकी से पालिटेक्निक का छात्र है,कोरोना वैश्विक महामारी के बीच लाकडाउन मे उसने आटोमैटिक वाटर मशीन बनाना शुरु किया,इसके लिये दुकाने बन्द होने से पार्ट नही मिल रहे थे।अनलाकडाऊन की प्रकिया मे यह मशीन कम लागत मै तैयार हुई है।इसमे दिलीप के सहयोगी हार्डवेयर इंजी.विनोद ने भी मदद की है।
कैसे काम करती है मशीन
स्वचालित वाटर मशीन के पंप के नीचे हाथ ले जाने पर पानी निकलने लगता है।वैसे किसी भी नल को चलाने के लिए उसकी टोटी को घुमाना पड़ता है। जिससे बार-बार छूने से संक्रमण फैलने का खतरा रहता है।यह मशीन सेंसर युक्त है। जिससे हाथ,बाल्टी, बोतल,गिलास टोटी के नीचे लाने पर पानी निकलने लगता है। इसे बनाने के लिए दिलीप में एक महीने का समय व्यय किया है।
मशीन की खास बाते
यह मशीन बनाने में मात्र एक हजार ₹ का खर्चा आया है। मशीन विद्युत से चलती है जिससे बिजली खर्च भी बहुत कम आती है।इससे पानी की बचत अनावश्यक पानी बहेगा नहीं। इसे कहीं भी इंडोर या आउटडोर लगाया जा सकता है।यह मशीन पूरी तरीके से स्वदेशी है।