खाद रसद मंत्री के जनपद में कोटेदारों ने मचा रखी है लूट
हरिओम दिवाकर की रिपोर्ट
फतेहपुर जनपद के विधायक और उत्तर प्रदेश के खाद रसद मंत्री राघवेंद्र प्रताप सिंह के जनपद में इन दिनों कोटेदारों की धांधली का जवाब नहीं जी हां हम आपको मलवा ब्लाक के गांधीग्राम के मजरे रंजीतपुर के कोटेदार की बात कर रहे हैं ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची मीडिया ने जब जानकारी करनी चाहिए तो सैकड़ों की तादाद में कार्डधारक ने आरोप लगाते हुए बताया कि कोरोनावायरस जैसी बीमारी के कारण देश में भुखमरी छाई हुई है और ऐसी अवस्था में कोटेदार ओम लता के पति रामसनेही व उसके पुत्र विकास की दबंगई का जवाब नहीं राशन लेने आए कार्ड धारकों ने बताया कि कोटेदार प्रतिनिधि द्वारा घर-घर जाकर लोगों से बायोमेट्रिक मशीन पर अंगूठा लगवा लिया और किसी को राशन नहीं दिया सभी को 17 तारीख राशन लेने के लिए बुलाया परंतु जब 17 तारीख को कार्डधारक राशन लेने पहुंचे तो वहां पर ताला लगा हुआ था यानी माह में मिलने वाला पूरी खेप कोटेदार द्वारा हड़प ली गई और दुबारा बायोमेट्रिक मशीन में अंगूठा लगाकर के नाम में राशन देने का कार्य किया जा रहा था तभी ग्रामीणों ने बताया कि इससे पहले 7 तारीख को जो राशन मिलने वाला था वह राशन कहां गया कोटेदार ने अपनी दबंगई दिखाते हुए ग्रामीणों को बायोमेट्रिक मशीन लॉक होने की बात कही और बोला कि पहली बार का राशन अब नहीं मिलेगा तभी ग्रामीणों ने हंगामा काटना शुरू कर दिया जब मीडिया कर्मियों ने कोटेदार से पूछा कि उनके यहां गरीबों का कितना स्टॉक आता है कोटेदार पुत्र विकास द्वारा बताया गया कि 7 कुंटल 30 किलो चना 82 कुंटल 83 किलो गेहूं और 55 कुंटल 20 किलो चावल की खेप उतरती है कोटेदार के यहां कार्ड धारकों की संख्या 600 के लगभग है मात्र 250 लोगों के राशन का वितरण किया गया था 3.50 सौ लोगों से बायोमेट्रिक मशीन पर अंगूठा लगवाने के बाद राशन हड़पने का काम किया गया हालांकि जब स्थिति काबू में नहीं हुई तब ग्रामीणों ने 112 में सूचना देकर मौके पर पुलिस प्रशासन ने पहुंचकर स्थिति को काबू करना चाहा परंतु हंगामा इतना ज्यादा था कि पुलिस विभाग के कर्मचारी भी पीछे हटकर अपने उच्च अधिकारियों को सूचना देना उचित समझा और मौके पर मलवा थाना अध्यक्ष समेत सहेली चौकी ने पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और कोटेदार को दोनों बार का राशन वितरण करने का आदेश दिया परंतु कोटेदार ने कुछ लोगों को राशन देकर कोटा बंद कर दिया और अपनी बीमारी का बहाना करते हुए घर पर आराम फरमा रहे हैं यानी माना जाए तो लगभग ढाई लाख रुपए का राशन कोटेदार द्वारा खाया गया और विभागीय अधिकारी मौन धारण किए हुए बैठे हैं क्या उत्तर प्रदेश के ही खाद्य रसद मंत्री के जनपद में ऐसी लूट मचाने वालों पर कार्यवाही होगी या फिर उच्च अधिकारियों द्वारा मामले को रफा-दफा कर दिया जाएगा जब जनपद में ऐसी लूट मची है तो पूरे प्रदेश का क्या हाल होगा !