हरिओम दिवाकर की रिपोर्ट
फतेहपुर: डिमेंसिया से पीड़ित असोथर ब्लाक के सहबसी गांव की वृद्घा रामप्यारी उर्फ भगवती का हाल जानने जिलाधिकारी संजीव सिंह उनके घर पहुंचे। डीएम ने अपने वेतन से उनके घर की बुनियाद रखी और उनके घर के सामने की सड़क के निर्माण की भी आधारशिला रखी। जिलाधिकारी के इस प्रयास में उनके साथ सदर तहसील के एसडीएम प्रमोद झा और पूरा राजस्व महकमा वृद्घा के सहयोग में खड़ा हो गया।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पूर्व सहबसी गांव की रामप्यारी उर्फ भगवती की सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हुई थी। पूरे देशभर में वायरल इस फोटो में जनपद की गरीबी और भुखमरी के हालातों को बयां करने की कोशिश की गई थी। वायरल फोटो का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी संजीव सिंह ने वृद्घा को जिला अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया था, जहां चिकित्सकों की टीम ने उन्हें डिमेंसिया बीमारी (एक तरह की भूलने की बीमारी) से पीड़ित होने की पुष्टि की थी। चिकित्सकों की टीम ने तकरीबन बीस दिनों से अधिक समय तक उनका इलाज करने के बाद हाल ही में उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया था। शनिवार को जिलाधिकारी संजीव सिंह और सदर एसडीएम प्रमोद झा जिला अस्पताल के चिकित्सक को लेकर वृद्धा के गांव पहुंचे, जहां उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। डीएम ने अपने वेतन से 21 हजार रूपये देकर वृद्घा के लिए नए और मुकम्मल आशियाने की बुनियाद रखी जिसमें उनकी इस पहल में सदर एसडीएम प्रमोद झा सहित पूरे राजस्व महकमे ने अपने वेतन से वृद्घा का घर बनवाने को आगे आये। एसडीएम ने उन्हें साडियां भेंट की तो राजस्व महकमे ने फल। इसी क्रम में डीएम के निर्देश पर ही बीडीओ असोथर प्रवीणानंद ने क्षेत्र पंचायत की निधि से वृद्घा के घर के सामने की 160 मीटर लंबी इंटरलाकिंग सड़क बनवाना शुरु कर दिया। इस सड़क का शुभारंभ भी डीएम ने महिला के घर के सामने पहला पत्थर रखकर किया।
जिलाधिकारी संजीव सिंह ने कहा कि “फतेहपुर एक आकांक्षी जनपद है जो उत्तरोत्तर प्रगति-पथ पर अग्रसर है। लेकिन कुछ लोगों के नकारात्मक प्रयासों से जनपद की छवि खराब करने की कोशिश की गई। इसलिए हमारा यह प्रयास देशभर में बनी ऐसी नकारात्मक धारणाओं को खंडित करने के लिए है, ताकि दुनिया को पता चले कि मेरा फतेहपुर वैसा नहीं है जैसा उसे वायरल फोटो में दिखाया गया था।”