गौरव शुक्ला की रिपोट
फर्रुखाबाद के राजेपुर के ग्राम आशा की मढैया. गोटिया. सवलपुर ब आस पास के गाँव ब मुख्य मार्ग पर चल रहा है वाढ का पानी ।
ग्रामीण लोगों से बात करने पर पता चला की राहत सामग्री किसी को मिली । लोगों ने बताया की लेकपाल कहता है के जिस का नाम राशनकार्ड मे है उसी को मिलेगी तो उन का कहना है कि पचास परिबार मे से बीस लोगों के पास राशनकार्ड है और जिस के पास नहीं है बो क्या करें?
गंगा की बाढ़ ने समैचीपुर चितार, कटरी तौफीक, बांसखेड़ा, भगवानपुर, नगला बसोला, जटपुरा कैलियाई, गुटैटी दक्षिण, अजीजाबाद, रंपुरा व मुंशी नगला को अपनी चपेट में ले लिया है। इन गांवों में चारों ओर पानी ही पानी नजर आता है। बांसखेड़ा, गुटैटी दक्षिण, मुंशी नगला व नगला बसोला के ग्रामीण छतों पर रहकर जीवन यापन करने को मजबूर हैं। वहीं समैचीपुर चितार, कटरी तौफीक और रंपुरा के ग्रामीणों ने ढाईघाट पुल के पास बंधा किनारे सड़क पर पन्नी डालकर झोपड़ी बना ली हैं। चारपाई आदि की आड़ में महिलाएं खुले आसमान के नीचे भोजन आदि बना रही हैं। समैचीपुर चितार की आसमां बताती हैं कि बरसात में तो भोजन बनाने में भी दिक्कत होती है। शमसेर, अबरार, बहारे अली और मुस्तकीम आदि का कहना है कि उनके पास तो खेतीबाड़ी के लिए भूमि तक नहीं है। मेहनत-मजदूरी कर बच्चों का पेट पालते हैं। बाढ़ में हर वर्ष इसी तरह परेशान होते हैं।
जिला प्रशासन से अभी तक आर्थिक मदद नहीं मिली है। प्रधान के पति यासीन ने बताया कि 316 बाढ़ पीड़ितों की सूची बनाकर तहसील प्रशासन को भिजवा दी गई है। बुखार, खांसी से भी पीड़ित ग्रामीण।
समैचीपुर चितार, कटरी तौफीक, भगवानपुर व अजीजाबाद आदि में बाढ़ के प्रकोप के साथ ही बाढ़ पीड़ित ग्रामीण बुखार, खांसी व जुकाम से भी परेशान हैं।
रविवार को कटरी तौफीक में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से पहुंची चिकित्सीय टीम ने कैंप लगाया। टीम ने 66 मरीजों को खांसी, जुकाम व बुखार की दवा दी। चिकित्सा प्रभारी डॉ. धन सिंह ने बताया कि बाढ़ क्षेत्र के अन्य गांवों में भी कैंप लगाए जाएंगे।