गौरव शुक्ला की रिपोर्ट
फर्रुखाबाद । भारत सरकार द्वारा लगाये गये कृषि अध्यादेश को वापस लेने की मांग को लेकर पूरे देश के किसानों में फैली आग की चिंगारी ने आज यहां भी बड़ा रूप लिया। इटावा-बरेली हाई-वे पर किसानों ने सरकार विरोधी नारेबाजी कर जमकर हंगामा किया। उन्हें रोकने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। काफी देर हू-हुज्जत के बाद किसानों ने जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा।
भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के संयोजन में आज दिल्ली के लिए रवाना हुए किसानों को इटावा-बरेली हाई-वे पर रोकने का प्रयास किया गया। पुलिस यहां बड़ी संख्या में मौजूद रही लेकिन किसानों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा। केन्द्र सरकार विरोधी नारेबाजी के साथ किसानों ने अपने ज्ञापन में उठाई गई पांच मांगांे को पूरा करने तक आन्दोलन जारी रखने का ऐलान किया।
अपनी पांच सूत्रीय मांगांे में किसानों ने मांग उठाई कि सरकार द्वारा लाये गये तीनों किसान विरोधी अध्यादेशों को वापस लिया जाये। न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून के दायरे में लाकर समर्थन मूल्य से नीचे खरीद करने वालों पर कार्रवाई करते हुए जेल का पभदान किया जाये। किसान सम्मान निधि का लाभ पहली किस्त की तरह सभी किसानांे को दिया जाये व किसान निधि 6 हजार रुपये बढ़ाकर 24 हजार रुपये की जाये। किसान के सभी तरीके से पिछले वर्षों के कर्ज माफ हों। लाॅक डाउन के दौरान, फसल, सब्जी, दूध, पोल्ट्री, फिशरीज, मधुमक्खी पालक, फूल उत्पादक, किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए भारत सरकार के लिए तुरन्त दो लाख करोड़ का पैकेज दिया जाये।
इस दौरान जिलाध्यक्ष अरविन्द शाक्य, मुकेश शाक्य, रामसेवक सक्सेना, हरिओम अग्निहोत्री, राधेश्याम, राजू ठाकुर, वीनू टेलर आदि मौजूद रहे।