गौरव शुक्ला की रिपोर्ट
फर्रुखाबाद। फर्रुखाबाद में बाढ़ की विनाशलीला से सैकड़ों परिवार बर्बाद हो गए हैं। न तो उनके पास खाने पीने का ही कुछ बचा है और न ही रहने को आशियाना। दर दर की ठोकरे खा रहे बाढ़ पीड़ितों की सुनवाई करने वाला भी कोई नहीं दिखाई पड़ रहा है। गंगा और रामगंगा का जलस्तर फिर से बढ़ गया है । गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से सिर्फ 5 सेंटीमीटर दूर रह गया है। इससे लोगों की धुकधुकी तेज हो गई है।रामगंगा का जलस्तर बढ़ते ही कोलासोता व अहलादपुर भटौली गांव में कटान तेज हो गया है। बाढ़ का पानी भरा रहने से फसलें खराब होने लगी हैं।
लगातार बारिश होने से गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से ऊपर चल रहा है। जिससे गांव में बाढ़ का पानी भरा गया है। घरों में गंगा जी बह रही है। पीड़ित सड़कों पर पॉलिथीन के नीचे परिवार सहित गुजर बसर कर रहे हैं। बाढ प्रभावित गांवों में मवेशियों के लिए चारे की समस्या हो गई है। बाढ़ के पानी में तीसराम की मडैया का स्कूल गंगा मे पूरा तरह से समा गया है। मदद के नाम पर बाढ़ पीड़ितों को जिला प्रशासन की ओर से अभी तक कुछ भी मुहैया नहीं कराया गया है।
गंगा का जलस्तर 136.90 मीटर रजिस्टर है। नरौरा बांध से गंगा में 169170 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। राम गंगा का जलस्तर 10 सेंटीमीटर कम होने से 135.20 मीटर पहुंच गया है। खोहरेली व रामनगर से रामगंगा में 38090 क्वेश्चन पानी छोड़ा गया है। गंगा का जलस्तर स्थिर होने के बाद भी खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर दूर है। जिससे गांव में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। घरों में पानी भरा होने से पीड़ित सड़कों पर पॉलिथीन के नीचे परिवार सहित गुजर कर रहे हैं।
राजेपुर की ब्लॉक भरका पट्टी, बमयारी, माखन नगरा,बुढ़वा के लोग बाढ़ के पानी से निकलने को मजबूर है। बाढ़ प्रभावित गांव के लोगों को मवेशियों के चारे की समस्या हो गई है। बाढ़ प्रभावित गांव जोगराजपुर रामपुर हरसिंहपुर कायस्थ चारों तरफ से पानी से भरे हुए हैं। लगातार बढ़ रहे गंगा के जलस्तर से ब्लॉक राजेपुर के कई गांव में पानी ही पानी नजर आ रहा है। कुछ पीड़ित सड़क के किनारे तो कुछ लोग घरों की छतों पर रहने को मजबूर है। मदद के नाम पर पीड़ितों को जिला प्रशासन की ओर से अभी तक कुछ भी नहीं मुहैया कराया गया है। गंगा की बाढ़ में तीसराम की मडैया का स्कूल गंगा मे पूरी तरह से समा गई है।