गौरव शुक्ला की रिपोर्ट
फर्रुखाबाद । सीएम योगी के रामराज्य में जहां पूरे प्रदेश की नारी शक्ति को आर्थिक व सामाजिक समृ(ि का अहसास हो रहा है तो वहीं जिले की फतेहगढ़ कोतवाली पुलिस अबला नारी के हत्यारों को मुकदमा दर्ज होने के बाद भी गिरफ्तार करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही। मुकदमा 12 दिन पूर्व दर्ज होने के बावजूद आज तक पुलिस ने आरोपियों के घर दबिश तक नहीं दी।
बीती 29 अक्टूबर को फतेहगढ़ के मोहल्ला जाफरी निवासी सपा नेता व जिला पंचायत सदस्य उमेश यादव झपका ने अपनी पत्नी को बेटी जन्म देने से नाराज होकर पीट-पीट कर मौत के हवाले कर दिया था। जिस मामले में मृतका की मां सावित्री देवी ने फतेहगढ़ कोतवाली में 30 अक्टूबर को दहेज हत्या का मुकदमा पंजीकृत कराया था। मुकदमा दर्ज होने के दौरान कोतवाली में उमेश यादव के समर्थन में कई वकीलों ने मुकदमा न लिखने को लेकर केवल इस वजह से दबाव बनाया था कि सपा नेता आरोपी हत्यारा नाॅन पै्रक्टिसनर वकील भी है। वकीलों के दबाव के चलते आरोपी के घर पुलिस ने एक बार भी दबिश नहीं दी। उल्टे आरोपी सपा नेता आईजी से नजदीकियां बताकर मुकदमावादिनी बुुजुर्ग मां और गवाह बहनों व उनके पतियों को धमकाने में जुटा है। भयजदा मोनिका के परिजन रोज धमकियां सुनते हैं लेकिन पुलिस कोतवाली फतेहगढ़ से महज 300 मी. की दूरी पर रह रहे हत्यारे सपा नेता साठगांठ के चलते गिरफ्तार करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही। मुकदमा लिखे 12 दिन होने के बावजूद मुकदमे की विवेचना तक शुरू नहीं हो सकी। योगीराज मेें भी सपा नेता के दबदबा की जो कोई दास्तान सुनता है वह दांतों तले उंगली दबा जाता है। पीड़ित परिवार और बुजुर्ग मां ने मामले में मुख्यमंत्री के दरबार में जाने की बात कही है। बेटी की हत्या के बाद से दुखियारी मां और बहनों का रो-रो कर बुरा हाल है। वहीं तीन माह की अनाथ हुई दुधमंुही बच्ची को याद कर बुजुर्ग मुकदमावादिनी सावित्री देवी सिसकने लगती हैं। घटना की पूरे जिले में निन्दा तो हो रही है साथ ही पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं।