गौरव शुक्ला की रिपोर्ट
फर्रुखाबाद। जिला मुख्यालय पर कुल तीन रैन बसेरा बनाए गए हैं। इसमें एक रोडवेज बस स्टैंड, फतेहगढ़ नगर पालिका कार्यालय और एक फर्रुखाबाद नगर पालिका परिसर में है। फर्रुखाबाद नगर पालिका सन्नाटे वाली जगह होने के कारण वहां कोई रुकने नहीं जाता है। रोडवेज बस स्टैंड पर जो रैन बसेरा है, वहां गंदे गद्दे और बदबूदार चादरों के कारण अधिकांश लोग वहां रुकने से कतराते हैं।रविबार की रात रोडवेज बस स्टेशन पर बने नगरपालिका के रैनबसेरा का जायजा लिया। महिलाओं के लिए बने रैनबसेरा में पांच महिलाएं व दो बच्चे लेटे थे। वह भी अपना कंबल ओढ़े थे। उसी से सटा पुरुष रैनबसेरा खाली पड़ा था। गद्दे की चादर तो शाम को बदली गई थी, लेकिन तकिया व रजाई के कवर इतने गंदे थे कि उनसे दूर से ही दुर्गंध आ रही थी। कुछ यात्री उसमें लेटने गए, लेकिन बिस्तर की दुर्दशा देखकर लौट आए। किसी ने बरामदे में तो किसी ने बेंच पर ही सिकुड़ते हुए रात गुजारी। पूछताछ कार्यालय के सामने बने रैनबसेरा में कुछ यात्री लेटे थे, उनमें अधिकांश अपना कंबल ही इस्तेमाल कर रहे थे। एक यात्री रामशंकर ने बताया कि रजाई व गद्दे के कवर बहुत गंदे हैं। तकिया के कवर भी काफी दिनों से नहीं बदले गए, जिससे वह बाहर ही बैठकर रात गुजार लेंगे। मध्य रात के बाद ठंड बढ़ जाती है। इसके बाद यात्री प्रतीक्षालय में बैठकर रात गुजारने को मजबूर होते हैं। लॉकडाउन के बाद से रोडवेज बसें कम हैं। रात में बसें न मिलने के कारण यात्रियों को मजबूरन बस स्टेशन पर ही रुकना पड़ता है। रैनबसेरा में मात्र 35 यात्रियों के रुकने की ही व्यवस्था है। अव्यवस्था की वजह से वह अधिकांश समय खाली ही रहता है। रजाई व तकिया के कवर बदलने के लिए लिपिक अमित सक्सेना से कह दिया है। टेंट हाउस से अभी गद्दे के कवर ही मिल पाए हैं। नगरपालिका ने फर्रुखाबाद व फतेहगढ़ कार्यालयों में भी रैनबसेरा खोल रखा है, लेकिन वहां कोई सोने नहीं जाता। प्रमोद चौहान, पालिका कर्मचारी रैनबसेरा की व्यवस्था ठीक करने का निर्देश कर्मचारियों को दिया गया है। रजाई-गद्दों व तकिया के कवर नहीं बदले जा रहे हैं तो वह स्वयं व्यवस्था देखेंगे। आगे से हर हाल में व्यवस्था बदली हुई दिखेगी। ट्रेनें कम चलने के कारण इस बार रेलवे स्टेशन पर रैनबसेरा नहीं बनाया गया है। यदि ट्रेनें बढ़ेंगी तो वहां भी रैनबसेरा खुलवा दिया जाएगा।
रविद्र कुमार, अधिशासी अधिकारी नगरपालिका।