गौरव शुक्ला की रिपोर्ट
फर्रुखाबाद। उफना रहीं गंगा का जलस्तर बढ़कर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है तो रामगंगा के जलस्तर में भी 50 सेंटीमीटर वृद्धि हुई है। नदियों में आई बाढ़ का पानी तटवर्ती गांवों में भर गया है। कई संपर्क मार्ग पर बाढ़ का पानी बह रहा है, जिससे आवागमन बाधित हो गया है। ग्रामीण बाढ़ के पानी से निकलने को मजबूर हैं। खेतों में बाढ़ का पानी भर जाने से मवेशियों के चारे की समस्या विकराल हो रही है।
पहाड़ों पर लगातार बरसात होने से बांधों से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। जिससे गंगा और रामगंगा उफना गई हैं। 24 घंटे में गंगा का जलस्तर पांच सेंटीमीटर बढ़कर 136.90 सेंटीमीटर पर पहुंच गया, जो कि खतरे के निशान 137.10 मीटर से महज 20 सेमी ही दूर है। केंद्रीय जलायोग की रिपोर्ट के मुताबिक नरौरा बांध से गंगा में 1,39,398 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिससे गंगा का जलस्तर और बढ़ने की आशंका है। रामगंगा का जलस्तर 55 सेंटीमीटर बढ़ने से 135.35 मीटर पर पहुंच गया है। खोह हरेली व रामनगर से रामगंगा में 10,404 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती गांव सबलपुर, कंचनपुर, हरसिगपुर कायस्थ, ऊगरपुर, तीसराम की मड़ैया, जोगराजपुर, रामपुर, बमियारी, आशा की मड़ैया, लायकपुर, कुसुमापुर, बरुआ, सुंदरपुर, कछुआ गाढ़ा, गौटिया, माखन नगला, जटपुरा व पट्टी बदनपुर में बाढ़ का पानी भर गया है। घरों में पानी भर जाने से ग्रामीणों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। ग्रामीण छत पर पॉलीथिन तानकर परिवार सहित गुजर कर रहे हैं। छतों पर चूल्हा रखकर महिलाएं खाना बना रही हैं। ग्रामीण घरों से सामान निकालकर ऊंचे स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। रामगंगा का जलस्तर बढ़ने से कोलासोता व अहलादपुर भटौली गांव में कटान तेज हो गया है। अहलादपुर भटौली गांव के कई घर नदी की धार के निशाने पर आ गए हैं, लेकिन ग्रामीण घर नहीं छोड़़ रहे हैं। इससे पहले अहलादपुर के 25 घर नदी की धार से कट चुके हैं। नाव नहीं मिलने से जान पर खेल रहे लोग।
आशा की मड़ैया, जोगराजपुर व रामपुर गांव में बाढ़ का पानी भरा है। संपर्क मार्ग पर पानी बह रहा है। जोगराजपुर गांव में संपर्क मार्ग नहीं है। चकरोड पर पानी तेज धार के साथ बह रहा है। नाव नहीं मिलने से लोग बाढ़ के पानी से निकल रहे हैं। कंचनपुर सबलपुर की विजय कुमार की पत्नी विद्यावती की तबियत खराब हो गई। परिजन नाव नहीं होने से चारपाई पर लिटाकर विद्यावती को सड़क तक ले आए और दवाई दिलवाने के बाद चारपाई से घर ले गए। गांव के दिव्यांग सियाराम के चोट लग गई। जिससे परिजन ट्यूब से सड़क तक लेकर आए। गांव के खुशीराम व अवधेश सिंह सोमवंशी बताते हैं कि गांव में पानी भरा है और संपर्क मार्ग पर तीन फीट से अधिक पानी बह रहा है। नाव नहीं मिलने से आवागमन में परेशानी हो रही है। सबलपुर की मार्गश्री के घर में पानी भर जाने से सड़क पर डेरा जमा लिया है। आशा की मड़ैया गांव के बाहर ट्रैक्टर पर लगी आटा चक्की से लोग बाढ़ के पानी से निकलकर गेहूं पिसवाने के लिए आए। शरणालय में भरा पानी।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सबलपुर को बाढ़ शरणालय बनाया गया है। पीएचसी में बाढ़ का पानी भर गया है और चारों तरफ पानी भरने से अस्पताल बंद हो गया है। रामपुर, सबलपुर, आशा की मड़ैया, माखन नगला, जटपुरा, जोगराजपुर, मंझा की मड़ैया के प्राथमिक व जूनियर स्कूल में बाढ़ का पानी भर गया है। जिससे स्कूल बंद हैं। मवेशियों के चारे की समस्या बढ़ी
खेतों में बाढ़ का पानी भर गया है और फसलें जलमग्न हो गई हैं। जिससे तटवर्ती गांव के लोगों को मवेशियों के चारे की समस्या विकराल हो गई है। आशा की मड़ैया के राजेश बताते हैं कि खेतों में पानी भर गया है। जिससे मवेशियों के चारे की समस्या बढ़ गई है। चारे के लिए काफी दूर तक जाना पड़ता है। अस्थाई पुल बनाया।
पट्टी बदनपुर गांव में बाढ़ का पानी भर गया है, जिससे पीड़ित सड़क पर डेरा जमा रहे हैं। गांव की दीपा ने सड़क तक आने के लिए बांस बल्ली का अस्थाई पुल बना लिया है और उसी के सहारे ही आवागमन कर रहे हैं। एसडीएम बृजेंद्र कुमार ने बताया कि बाढ़ प्रभावित गांवों में लेखपालों को भेजकर रिपोर्ट मांगी गई है। प्रभावित गांवों में आवश्यकता के अनुसार नाव भेजी जा रही है। किसी भी गांव का आवागमन बंद नहीं होने दिया जाएगा। विधायक सुशील शाक्य ने अहलादपुर भटौली व माखन नगला गांव पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और एसडीएम को पीड़ितों की मदद करने के निर्देश दिए।