अभिमन्यु शुक्ला की रिपोर्ट
औरैया जिले का पवित्र स्थान पचनद जहाँ यमुना ,की सहायक नदी चम्बल,कुवारी, सिधु और पहूज के संगम स्थल को पचनद कहते हैं। यह ऐतिहासिक ,पौर्णिक व धार्मिक स्थान आज तक उपेझित हैं जनप्रतिनिधियों ने पचनद को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए कई बार बड़े बड़े वादे किए ।बीजेपी के सत्ता में आने के बाद लोगों की उम्मीद बढ़ी थी कि पचनद एक पर्यटक स्थल बन जायेगा किन्तु 5 साल बीतने के बाद भी लोगों की विकाश की आस आज भी अधूरी है। इस सम्बन्ध
में किसान मंच के आशीष दुबे का कहना हैं कि पचनद ऐतिहासिक धार्मिक व पौराणिक स्थल है ।औरेया ,जलोंन इटावा की सीमा पर नदियों के मिलन का केन्र्द है । जो पुराणों में वर्णित है लेकिन वर्तमान में यह स्थल अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। युवा समाज सेवी प्रतीक कुमार का कहना है कि पचनद पर कर्णखेरेश्वर,प्रमोद वन,मुकुन्दं वन,कालेश्वर ,भारेश्वर आदि प्रचीन मन्दिर स्थापित हैं, कार्तिक पूणिमा की संध्या पर यहां भव्य मेला लगता है। यहां प्रति वर्ष हजारों भक्त श्रद्धा व आस्था की डुबकी लगाते हैं । वहीं समाज सेवी मुरारी दुबे का कहना है कि यह क्षेत्र विकास से कोसों दूर है। यदि पचनद को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाये तो यह क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगा। रक्षक जन सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष सागर शुक्ला एडवोकेट का कहना है कि अब तक की सरकारें आईं और चली गईं लेकिन किसी ने पचनद पर बांध बनाने की योजना को साकार नहीं किया, भाजपा के नेताओं ने भी लंबे चौड़े बादे तो किए लेकिन साकार करने की जरूरत ही नहीं समझी, अगर साकार करना होता तो अब तक इस योजना का काफी काम हो गया होता ।बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष व अजीतमल ब्लाक प्रमुख रजनीश पांडेय बताते हैं, कि पचनद को पर्यटक बनाना हमारी सरकार की प्राथमिकता है पी डब्लू डी विभाग में इसका प्रोजेक्ट पड़ा है, जिसके तैयार होते ही शासन को भेज कर इसकी आधार शिला रखी जायेगी।