ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर और फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस पर सवाल उठने लगे हैं. कांग्रेस, सपा समेत अन्य राजनीतिक दलों के बाद अब एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया का बयान सामने आया है. प्रेस नोट के जरिए एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने जुबैर की गिरफ्तारी की निंदा की और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर को धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया है. दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट ने सेक्शन 153 ए और 295 ए के तहत उन्हें अरेस्ट किया है. ये गिरफ्तारी सोमवार (27 जून) की गई जिसके बाद कोर्ट से एक दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा गया.
एक यूजर ने जुबैर पर लगाए थे आरोप
जुबैर की गिरफ्तारी पर कानूनी प्रक्रिया से लेकर अन्य पहलुओं पर सवाल उठाए जा रहे हैं. अब एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने बयान जारी किया है. इसमें 2018 के एक ट्वीट के लिए मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी की निंदा की गई है.
एडिटर्स गिल्ड ने अपने प्रेस स्टेटमेंट में कहा- दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 2020 के एक केस में जुबैर को पूछताछ के लिए बुलाया था. इस मामले में पहले से ही दिल्ली हाई कोर्ट की तरफ से गिरफ्तारी पर रोक लगी है. हालांकि, जब जुबैर ने समन का जवाब दिया तो उन्हें 2018 के एक धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. ये आरोप एक गुमनाम ट्विटर हैंडल के यूजर ने लगाए थे।
जुबैर ने फर्जी खबरों को प्रसारित होने से रोका
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा कि जुबैर को भारतीय दंड संहिता की धारा 153 और 295 के तहत गिरफ्तार किया गया है. यह बेहद परेशान करने वाला है. क्योंकि जुबैर और उनकी वेबसाइट AltNews ने पिछले कुछ वर्षों में फर्जी खबरों की पहचान की और दुष्प्रचार रोकने की कोशिश की. आगे कहा कि यह स्पष्ट है कि AltNews की सतर्कता का उन लोगों द्वारा विरोध किया गया, जो समाज का ध्रुवीकरण और दुष्प्रचार करने में संलिप्त थे.
एडिटर्स गिल्ड ने नूपुर शर्मा का नाम लिए बिना इस मामले का भी जिक्र किया. बता दें कि मोहम्मद जुबैर ने ही नूपुर शर्मा का टीवी डिबेट वाला वीडियो शेयर किया था, जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया था।
एडिटर्स गिल्ड ने गिरफ्तारी को गलत बताते हुए मांग की है कि दिल्ली पुलिस मोहम्मद जुबैर को तुरंत रिहा करे।