प्रयागराज
रोजाना की तरह अस्पताल पहुंचे मरीजों को शुक्रवार सुबह परेशानी का सामना करना पड़ा. ओपीडी में डॉक्टर बैठे थे लेकिन दवा लिखने वाले फार्मासिस्ट नही थे. इसी तरह दवा काउंटर पर भी दवा का वितरण बंद था. ऐसे में ओपीडी भी बंद कर दी गई. यह क्रम सुबह आठ से दस बजे तक चलता रहा. इस बीच फार्मासिस्टों ने अपनी मांगो ंको लेकर प्रदर्शन जारी रखा.
चार दिसंबर से चल रहा आंदोलन
विभिन्न मांगों को लेकर डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन का आंदोलन चार दिसंबर से ही चल रहा है. आंदोलन की रूपरेखा के अनुसार बीते दो दिनों से डिप्लोमा फार्मासिस्ट सभी अस्पतालों में दो घंटे का कार्य बहिष्कार कर रहे हैं. शुक्रवार को इसका असर तेज बहादुर सप्रू चिकित्सालय यानी बेली अस्पताल, मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय यानी काल्विन अस्पताल, डफरिन अस्पताल, जिला क्षय रोग चिकित्सालय, सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी देखने को मिला.
हजारों मरीजों को करना पड़ा इंतजार
बता दें कि मार्निंग में दो घंटे के भीतर अस्पतालों में भीड़ होने लगती है. हजारों मरीज इस बीच अस्पतालों में पहुंच जाते हैं. डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डा. बीएन ङ्क्षसह ने कहा कि प्रदेश संगठन के निर्देशानुसार आंदोलन चलाया जा रहा है. अपनी मांगों को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करना हमारी मजबूरी है. इसमें मरीजों से सहयोग मांगा जा रहा है. क्योंकि सरकार हमारी मांगों पर विचार नही कर रही है.