मोहन द्विवेदी की रिपोर्ट
देवरिया। विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर आचार्य व्यास मिश्र स्मृति देवरिया महोत्सव समिति द्वारा हिंदी के प्रख्यात रचनाकार ध्रुवदेव मिश्र ‘पाषाण’ को “देवरिया रत्न” से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर श्री मिश्र को समिति की तरफ से अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए समिति अध्यक्ष पवन कुमार मिश्र ने कहा कि हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में लगे लोगों के कारण ही आज हिंदी पूरे विश्व में करोड़ों लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा बन गयी है। दुनिया अब हिंदी की कायल हो चुकी है। अमेरिका समेत अन्य कई देशों में लोग हिंदी साहित्य को बड़े चाव से पढ़ते हैं। हमें अपने बच्चों को भी हिंदी बोलने और लिखने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। हमारे देश के हिंदी साहित्य विदेशो में बहुत ही पसंद किए जा रहे हैं। इसी क्रम में समिति द्वारा देवरिया के हिंदी साहित्य के प्रख्यात रचनाकार ध्रुवदेव मिश्र पाषाण को देवरिया रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। ध्रुवदेव मिश्र पाषाण जी का हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में अमूल्य योगदान रहा है। सम्मान से अभिभूत होकर ध्रुवदेव मिश्र ने उपस्थित लोगों को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा के साथ-साथ मातृभाषा भी है, इसलिए हम सभी भारतवासियों का यह कर्तव्य है कि हम इसके प्रचार-प्रसार के लिए सदैव तत्तपर रहें।
समिति के संस्थापक सदस्य रमाशंकर तिवारी ने कहा कि ध्रुवदेव मिश्र जी अपनी रचनाओं के माध्यम से हिंदी भाषा की सेवा में लगे रहे हैं। इन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से प्रकृति और समसामयिक परिस्थितियों का वर्णन बहुत ही रोचक ढंग से किया है। समिति की श्रीमती सीमा जायसवाल ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ध्रुवदेव मिश्र ने अपनी दर्जनों रचनाओं के माध्यम से हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में अपना योगदान दिया है,वह अत्यंत ही सराहनीय है। समिति के संरक्षक रामचन्द्र मिश्र ने उपस्थित लोगों के प्रति आभार जताते हुए हिंदी को आमजन की भाषा बताया। इस अवसर समिति अध्यक्ष पवन कुमार मिश्र ने ध्रुवदेव मिश्र जी हिंदी रचना “दूब” को पढ़ा।
इस अवसर पर समिति अध्यक्ष पवन कुमार मिश्र, उमेश कुमार पंकज, विभूति नारायण ओझा, रामचन्द्र मिश्र, रमाशंकर तिवारी, वाचस्पति मिश्र, फडीन्द्र मणि त्रिपाठी, सीमा जायसवाल, नीलम जायसवाल, रितिका जायसवाल, विजेंद्र चौहान आदि उपस्थित रहे।