अनिल कुमार की रिपोर्ट
कानपुर बिधनू में खड़ेसर गांव में वृद्ध की हत्या के बाद शव फ्रीजर में छिपाकर हत्यारे फरार हो गए। घर के अंदर खून की छींटे मिली हैं, जबकि शव परचून की दुकान के फ्रीजर में मिलने से संदेह बना हुआ है। वहीं घर से कीमती सामान भी गायब है, घरवालों ने एक महिला पर संदेह जताया है। एएसपी बृजेन्द्र द्विवेदी, एसपी आउटर तेज स्वरूप सिंह घटनास्थल पहुंचे हैं और फोरेंसिक टीम को बुलाया गया।
बिधनू के खड़ेसर गांव में 58 वर्षीय कुबेर सिंह कछवाहा अकेले रहते थे, 15 साल पहले उनकी पत्नी सुनीता ने आग लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद वह बेटी रेखा के साथ गांव से कानपुर में काकादेव जाकर किराये पर रहने लगे थे। आठ साल पहले उन्होंने बेटी की शादी आगरा में कर दी थी। इसके बाद करीब पांच साल पहले वह दोबारा गांव आकर रहने लगे थे। यहां पर वह घर के पास ही परचून की दुकान का संचालन करके जीवकोपार्जन कर रहे थे।
आगरा में रहने वाली बेटी रेखा गुरुवार से पिता को फोन मिला रही थी लेकिन कॉल नहीं रिसीव हो रही थी। इसपर अनहोनी की आशंका पर उसने रनियां में रहकर फैक्ट्री में काम करने वाले चचेरे सुरेश को फोन करके जानकारी दी और पिता का हाल लेने के लिए गांव भेजा। सुरेश रविवार की शाम खड़ेसर गांव पहुंचा तो घर के बाहर ताला लगा मिला। काफी देर तक खटखटाने पर दरवाजा नहीं खुला तो पड़ोसी भी आगए पड़ोसियों ने कुबेर को तीन-चार दिन से बाहर नहीं देखे जाने की बात कही। इसपर सुरेश को अनहोनी का संदेह हुआ और पड़ोसियों की मदद से घर के अंदर गया, जहां खून के निशान मिलने पर वह सन्न रह गया। इसके बाद पड़ोसियों के साथ परचून की दुकान पर पहुंचा, जहां पीछे की तरफ रखे डीप फ्रीजर में कुबेर का शव पड़ा मिला। कुबेर की धरदार हथियार से गर्दन रेतकर हत्या के बाद शव फ्रीजर में छिपाया गया था। सूचना पर पुलिस पहुंची। वृद्ध की हत्या के बाद शव फ्रीजर में छिपाये जाने की जानकारी पर एएसपी बृजेन्द्र द्विवेदी, एसपी आउटर तेज स्वरूप सिंह भी पहुंच गए। पूछताछ में सामने आया कि कुबेर मूलरूप से बांदा के पिपरारी गांव के रहने वाले थे। करीब 40 साल पहले पिता काम की तलाश में परिवार लेकर बिधनू के खड़ेसर गांव आ गए थे।