कोरोना एक बार फिर डराने लगा है. देश में अब जिस रफ्तार से कोरोना के मामलों में तेजी आ रही है, उससे चौथी लहर आने का खतरा सामने खड़ा हो गया है. महाराष्ट्र, दिल्ली, केरल, हरियाणा समेत कई राज्यों में कोरोना के मामलों में तेजी आने लगी है. दिल्ली-मुंबई में तो पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी के पार चला गया है.
लेकिन कुछ समय तक गिरावट आने के बाद ऐसा क्या हुआ कि कोरोना के मामलों में फिर तेजी आने लगी? तो इसका जवाब है- ओमिक्रॉन और उसके सब-वैरिएंट्स. इंडियन सार्स-कोव-2 जिनोमिक्स कंसोर्शियम (INSACOG) से जुड़े सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि इस समय देश में ओमिक्रॉन और उसके सब-वैरिएंट्स BA.2 और BA.2.38 की वजह से संक्रमण बढ़ रहा है.
सूत्रों ने बताया कि देश के 60% मामलों में BA.2 और 33% मामलों में BA.2.38 मिला है. वहीं, 10% से भी कम मामलों में BA.4 और BA.5 की पुष्टि हुई है.
पुणे स्थित बीजे मेडिकल कॉलेज ने पिछले हफ्ते न्यूज एजेंसी को बताया था कि महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मामले BA.2 के आ रहे हैं. उसके बाद BA.2.38 से लोग सबसे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं. महाराष्ट्र, तमिलनाडु और तेलंगाना जैसे कई राज्यों में BA.4 और BA.5 की एंट्री भी हो चुकी है।
भारत में चौथी लहर का खतरा बढ़ा रहे इन सब-वैरिएंट्स के बारे में जानने से पहले ये जानना जरूरी है कि ओमिक्रॉन क्या है? पिछले साल 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन वैरिएंट मिला था. ये काफी तेजी से फैलता है. हालांकि, ये कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की तुलना में कम गंभीर माना जाता है. ओमिक्रॉन की वजह से ही भारत में तीसरी लहर आई थी. जब ओमिक्रॉन सामने आया था, तब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेताया था कि इसमें काफी म्यूटेशन हो सकते हैं. म्यूटेशन की वजह से ही ओमिक्रॉन के अलग-अलग सब-वैरिएंट्स सामने आ रहे हैं।
भारत में फैल रहे सब-वैरिएंट्स कितने खतरनाक?
– BA.2 : ओमिक्रॉन के मामलों में BA.1 सबसे खास है. यही इसका मूल वर्जन भी है. लेकिन इसके बाद इसमें म्यूटेशन हुआ और इसका सब-वैरिएंट BA.2 सामने आया. काफी जल्दी BA.2 ने BA.1 को रिप्लेस कर दिया. BA.2 और BA.1 में बीमारी की गंभीरता में कोई अंतर नहीं है. हालांकि, BA.1 की तुलना में BA.2 ज्यादा संक्रामक है और वैक्सीनेटेड भी आसानी से इसकी चपेट में आ सकते हैं।
BA.2.38 : इसके बारे में अभी ज्यादा जानकारी मौजूद नहीं है. लेकिन पुणे स्थित बीजे मेडिकल कॉलेज में एक स्टडी हुई है, जिसमें सामने आया है कि BA.2.38 से संक्रमित लोगों में बीमारी की गंभीरता काफी कम है. संक्रमितों में कोल्ड, बुखार, कफ, सिरदर्द, थकान और गले में खराश जैसे लक्षण दिख रहे हैं. ये स्टडी BA.2.38 से संक्रमित 116 लोगों पर की गई है.
– BA.4 और BA.5 : ओमिक्रॉन के ये दोनों सब-वैरिएंट्स BA.2 की तरह ही हैं. WHO के मुताबिक, BA.4 और BA.5 से गंभीर बीमारी तो नहीं हो रही, लेकिन बाकी सब-वैरिएंट्स की तुलना में ज्यादा संक्रामक माने जा रहे हैं. WHO ने पिछले महीने बताया था कि दुनिया के कई देशों में BA.4 और BA.5 के मामले सामने आए हैं और इससे कोरोना के मामलों में उछाल आ सकता है।
गंभीर बीमारी नहीं, लेकिन चिंता की बात क्यों?
ओमिक्रॉन के ये चारों सब-वैरिएंट्स देश में कोरोना की रफ्तार को बढ़ा रहे हैं. इन्हें कम गंभीर माना जा रहा है, लेकिन इनका ज्यादा संक्रामक होना चिंता बढ़ाता है.
– ओमिक्रॉन और उसके सब-वैरिएंट्स से ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन के मामले भी सामने आ रहे हैं. यानी जो लोग पहले संक्रमित हो चुके हैं और जिन्हें वैक्सीन भी लगी है, वो भी फिर से संक्रमित हो रहे हैं।