प्रधान संपादक की रिपोर्ट
लखनऊ-लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे का निर्माण शनिवार से शुरू हो गया। जमीन अधिग्रहण का काम लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन करौंदी गांव में प्रक्रिया शेष है। यहां के किसान उचित मुआवजा न मिलने की बात कहकर अपनी जमीन देने के लिए तैयार नहीं हैं। इसके लिए प्रशासन कवायद में जुटा है। कार्यदायी संस्था पीएनसी का दावा है कि तय समय जून 2024 तक काम पूरा हो जाएगा।
लखनऊ से कानपुर तक लगभग 67 किमी लंबे एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए कंपनी ने उन्नाव सदर तहसील क्षेत्र के तौरा गांव के पास अपना यार्ड बनाया है। यहां पर मौरंग, गिट्टी और मशीनें आदि का स्टाक लगाया है। अधिग्रहीत भूमि का समतलीकरण कार्य शुरू कर दिया गया है। जनपद में सदर, पुरवा और हसनगंज तहसील क्षेत्र के 32 गांव लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे की जद में आ रहे है।
पीएनसी के प्रशासनिक अधिकारी उदित जैन ने बताया कि काम शुरू हो गया है। 2800 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे एक्सप्रेसवे का निर्माण दो फेज में किया जा रहा है। जिसमें फेज एक में उन्नाव से बनी लगभग 45 किमी और फेज दो में बनी से लखनऊ तक लगभग 17 किमी का भाग है। फेज दो में एक्सप्रेसवे एलीवेटेड बनना है। जिसमें फेज एक पर 15 सौ करोड़ रुपये और फेज दो में 1288 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे छह लेन का बनेगा, लेकिन इसकी डिजाइन आठ लेन की बनाई गई है ताकि भविष्य में उसे बढ़ाया जा सके। इसके बनने के बाद लखनऊ से कानपुर का सफर 45 से 50 मिनट में पूरा होगा। उदित जैन ने बताया की एक्सप्रेसवे पर कांथा गांव के पास टोल प्लाजा बनाया जाएगा।