संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट– ग्राम पंचायतों के विकास को लेकर जहां सरकार हर संभव प्रयास कर रही है वहीं दूसरी ओर ग्राम प्रधान व सचिव की मिलीभगत से विकास कार्यों के लिए आये सरकारी पैसे का बंदरबांट किया जा रहा है lग्राम पंचायत में कराए जा रहे निर्माण कार्यों में मानक विहीन कार्य कराते हुए सरकारी पैसे का बंदरबांट किया जा रहा है निर्माण कार्यों की हकीकत इस प्रकार होती है यह निर्माण कार्य समयावधि से पहले ही टूटने लगते हैं व कमीशन खोरी के चलते जिम्मेदार अधिकारी भी इन निर्माण कार्यों की जांच करना जरूरी नहीं समझते हैं l
मामला है पहाड़ी विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत सरधुवा का l
ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना के तहत कराए गए इंटरलॉकिंग निर्माण में जमकर धांधली की गई है जहां पर सरकारी मानक की अनदेखी करते हुए निर्माण कार्य कराए गए हैं l
ग्राम पंचायत में भोइया यादव के घर से उन्ने यादव के घर तक इंटरलॉकिंग खडंजा निर्माण, कालूपुर लिंक रोड़ से जगतपाल यादव के घर तक इंटरलॉकिंग खडंजा निर्माण,शिव मंगल यादव के घर से भोलई यादव के घर तक इंटरलॉकिंग खडंजा निर्माण, राजपाल यादव के घर से जगतपाल यादव के घर तक इंटरलॉकिंग खडंजा निर्माण, खरियारी रोड़ से राजपाल यादव के घर तक इंटरलॉकिंग खडंजा निर्माण, कालूपुर रोड़ से इन्द्रराज यादव के घर तक इंटरलॉकिंग खडंजा निर्माण व कालूपुर रोड़ से प्रकाश यादव के घर तक हुए इंटरलॉकिंग खडंजा निर्माण में मानक विहीन कार्य कराते हुए सरकारी पैसे का बन्दरबांट किया गया है l
इन इंटरलॉकिंग खड़ंजों के निर्माण कार्य में ग्राम प्रधान व सचिव की मनमानी खूब देखने को मिली है l
ग्राम पंचायत के विकास कार्यों में लीपापोती करने वाले ग्राम प्रधान व सचिव के ऊपर जिला प्रशासन कब जाँच कराकर आवश्यक कार्यवाही करने का काम करेगा l