रिपोर्ट-संजय सिंह राणा
चित्रकूट-जिले के घनी आबादी क्षेत्र में गैस के गोदाम बने हुए हैं ऐसे में सवाल उठता है कि अगर कभी आग लगी और जान-माल की क्षति हुई तो जवाबदेही किसकी होगी?
जब ये गैस गोदाम शुरू हुए थे तब बस्ती क्षेत्र में नहीं में नहीं थे लेकिन आबादी विस्तार होता गया तो ये अब उसके नजदीक आ गए है। इसके बावजूद इनकी जगह नहींं बदलने से अब इनका कारण आबादी क्षेत्र में हादसे का डर सताने लगा है l
नियमों के तहत ऐसे गैस गोदाम आवासीय क्षेत्र के नजदीक नहीं हो सकते इसके बावजूद जिम्मेदारों द्वारा इस बारे में अनदेखी की जा रही है l गैस गोदामों के आसपास आबादी क्षेत्र का विस्तार होने से कई परिवार गोदाम के 50 से100 मीटर के दायरे में बस गए है l जिसके कारण जनहानि की संभावनाएं बढ़ गई हैं l
चित्रकूट जिला मुख्यालय में इण्डेन कंपनी के सिलेण्डर बेचने वाली मेसर्स चित्रकूट गैस सर्विस का गोदाम जिला चिकित्सालय के सामने कलेक्ट्रेट रोड़ मुख्य मार्ग पर है जहां से लगभग50 से 100 मीटर के दायरे में जिला जज का आवास हैं गोदाम के बगल में कई मेडिकल स्टोर संचालित हैं गोदाम के पीछे घनी आवासीय बस्ती है व जिलाधिकारी कार्यालय व पुलिस अधीक्षक कार्यालय व विकास भवन जाने वाले मुख्य मार्ग से प्रतिदिन हजारों लोगों का आना जाना लगा रहता है l
वही दूसरी ओर गैस एजेंसी भी घनी आबादी के बीच संचालित है जहाँ ट्रकों से सिलेंडरों को निकालते वक्त एजेंसी संचालकों के कर्मचारी ट्रक में चढ़कर भरे सिलेंडर को ट्रकों से नीचे फेंकते है। सिलेंडर में खतरनाक अति ज्वलनशील गैस भरा होता है पटकने के दौरान सिलेंडर के भीतर गैस में तेज हलचल होती है lहलचल की वजह से बाहर के तापमान के संपर्क में आने से सिलेंडर कभी भी फट सकता है और अगर कोई घटना घटित होती है तो इस क्षेत्र में बड़ी हानि हो सकती है l
चित्रकूट जिला मुख्यालय में इण्डेन गैस की एजेंसी का गोदाम जिला जज आवास के बगल से है, जहां 50 मीटर पर ही जिला जज का आवास व ठीक सामने जिला चिकित्सालय व बगल में मेडिकल स्टोर व पीछे घनी आबादी है l
सुरक्षा मानकों को देखते हुए उक्त गोदामों को शहर से बाहर ले जाने के जिम्मेदार कितने गंभीर हैं इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सब कुछ जानते हुए भी पूरी तरह चुप्पी साध रखी है l
घनी आबादी के बीच चले रहे गैस गोदाम व गैस एजेंसी को जिला प्रशासन कब हटवाने का काम करेगा l