ग्राम प्रधान व सचिव पर ग्रामीणों ने लगाया शौचालय का पैसा गबन करने का आरोप
रिपोर्ट-संजय सिंह राणा
चित्रकूट -रामनगर विकासखंड में शौचालय निर्माण पर जमकर धांधली हुई खुले में शौच से आज तक मुक्त नहीं हो पाया रामनगर विकासखंड। रामनगर विकासखंड की ज्यादातर ग्राम सभाएं आज भी खुले में शौच से मुक्त नहीं हो पाई कई ग्राम सभाओं में अभी तक लोगों को शौचालय मुहैया नहीं हुआ और ज्यादातर ग्राम सभाओं में ठेकेदारी प्रथा द्वारा शौचालय बनवाए गए जोकि यूज़ लेस हैं ।इन शौचालयों के निर्माण में जमकर धांधली हुई केंद्र सरकार की मोदी सरकार कीअति महत्वपूर्ण योजना स्वच्छ भारत मिशन खुले में शौच से मुक्त भारत रामनगर विकासखंड में सफल नहीं दिखाई दे रहा है। कई करोड़ों की लागत से पूरे विकासखंड में बनवाए गए शौचालय भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए इन शौचालयों के निर्माण में मानकों को ताक पर रखकर घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर निर्माण कराया गया कई ग्राम सभाओं में ठेकेदारी द्वारा शौचालयों का निर्माण कराया गया जिससे यह शौचालय बनने के 1 साल के अंदर ही ध्वस्त हो गए। किसी शौचालय की छत गायब है किसी शौचालय का गड्ढा गायब है और किसी शौचालय की सीट टूट गई किसी के पल्ले उखड़ गए ज्यादातर शौचालय सही नहीं दिखाई दे रहे है जिन व्यक्तियों के शौचालय ठेकेदारी प्रथा से बने वह शौचालय का इस्तेमाल ना कर इन घटिया शौचालय में लकड़ी कंडा और भूसा रख रहे हैं। क्षेत्र के बुद्धिजीवियों का कहना है अगर सही शौचालय नहीं बनवाना था तो देश के खजाने को क्यों खाली किया गया क्यों शौचालय के निर्माण पर अरबों खरबों खर्च किए गए एक तरफ देश के खजाने पर भारी लोड पडा और दूसरी तरफ इन शौचालयों का कोई इस्तेमाल भी नहीं हो रहा ।बुद्धिजीवियों का कहना है जब प्रधानमंत्री द्वारा चलाई जा रही योजना का सही लाभ लाभार्थियों को नहीं दिया गया तो अन्य योजनाओं के बारे में क्या कहा जाए। जबकि भाजपा सरकार मोदी सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का अगर अधिकारी कर्मचारी ईमानदारी से पालन करते तो देश का बहुत बड़ा फायदा होता नागरिकों का बहुत बड़ा फायदा होता खुले में शौच से भारत मुक्त हो जाता और ज्यादातर बीमारियां अपने आप खत्म हो जाती ।
बताते चलें खुले में शौच से कई गंभीर बीमारियों का सामना ग्रामीणों सहित कस्बा वासियों को करना पड़ता है और इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए तथा बहू बेटियों की इज्जत को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह महत्त्वकांछी और महत्वपूर्ण योजना चलाई थी लेकिन अधिकारियों कर्मचारियों और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत की वजह से यह योजना रामनगर विकासखंड में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई ।सबसे बड़ी बात यह है कि क्षेत्रवासियों का कहना है कि इस भ्रष्टाचार के बारे में कई बार समाचार पत्र के माध्यम से और उच्च अधिकारियों को सूचित किया गया लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई ना ही क्षतिग्रस्त शौचालयों का फिर से निर्माण कराया गया और ना ही बचे लोगों को अभी तक शौचालय मुहैया हो पाया।
दरअसल मामला है रामनगर ब्लाक के ग्राम पंचायत सीकरी अमान का जहाँ ग्राम प्रधान व सचिव मिलकर जमकर शौचालय निर्माण में भ्रस्टाचार किया जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने जिलाधिकारी शेषमणी पाण्डे से की है। मनोज कुमार सिंह पुत्र रामनेवाज सिंह ने जिलाधिकारी से शिकायत की है,जिसमे लिखा है शौचालय निर्माण के लिए वो खुद न तो कभी आवेदन किया है और न ही शौचालय के सम्बंध में आर्थिक सहायता उपलब्ध हो पाई है। मनोज कुमार उर्फ छेददु ने ग्राम प्रधान पर आरोप लगाया है कि उसके उपनाम से ग्राम प्रधान शौचालय की राशि निकाल ली है । ग्रामीण मनोज ने बताया कि ऐसे ही गांव के दर्जनों लोगों के साथ हुआ किसी को पैसा नही मिला है ,सभी के नाम का पैसा निकाल कर प्रधान व सचिव के द्वारा सरकारी पैसे पर जमकर भ्रस्टाचार किया गया है। ग्रामीण मनोज ने शिकायती पत्र में लिखा है झुल्लु,संतोष, भैया लाल अलका सिंह,छत्रपाल सिंह, धर्म राज,धीरेंद्र सिंह , दिलीप कुमार, कुलदीप , मदन ,महेश ,प्रदीप, श्री नारायण ,राम आसरे ,बवरा ,मुन्ना आदि लोगो को भी शौचालय का पैसा नही मिला लेकिन इन सभी के नामों का पैसा निकाल गबन कर लिया गया है। षड्यंत्र रचकर धोखाधड़ी करके सरकारी धन का गबन प्रधान व सचिव द्वारा किये जाने पर ग्रामीण ने मनोज कुमार सिंह ने जिलाधिकारी शेषमणी पांडेय से उच्चस्तरीय जांच कराकर उचित कार्यवाही की मांग की है। जिस पर जिलाधिकारी शेषमणी पांडेय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर जांच के निर्देश दिये हैं।