रिपोर्ट -संजय सिंह राणा
चित्रकूट – वन विभाग चित्रकूट में विकास कार्यों के नाम पर सरकारी पैसे का जमकर बंदरबांट किया जा रहा है प्लांटेशन निर्माण बौना नाली खुदाई ,गड्ढे खुदाई व सुरक्षा खाई खुदाई के नाम पर जमकर लीपापोती की जा रही है व मजदूरी करने वाले मजदूरों को कम मजदूरी देकर शोषण किया जा रहा है l
वही स्कूली बच्चों के नाम पर पैसा निकाल कर सरकारी पैसे का बंदरबांट किया जा रहा है फिर भी जिम्मेदार अधिकारी खामोशी से बैठे तमाशा देखते हुए नजर आते हैं l
रैपुरा रेंज के अंतर्गत कराए जा रहे बौना नाली व गड्ढे की खुदाई में जहां घोर धांधली की जा रही है वहीं दूसरी ओर खखरी निर्माण में सरकारी पैसे की चपत लगाई जा रही है l
रैपुरा रेंज के हनुवा बीट में खखरी निर्माण व बौना नाली व गड्ढों की खुदाई का कार्य चल रहा है जिसमें पुरानी खखरी को नया दिखाकर सरकारी पैसे का बंदरबांट किया जा रहा है वही बौना नाली व गड्ढों की खुदाई में लगे मजदूरों को मजदूरी कम देकर कार्य कराया जा रहा है l मजदूरों द्वारा बताया गया कि कार्य कराने वाले शिवमंगल यादव द्वारा ₹8 प्रति गड्ढे व ₹30 प्रति नाली की खुदाई का पैसा दिया जा रहा है जबकि सरकारी रेट कुछ और है l
मजदूरों द्वारा बताया गया कि हम गरीब लोग बेरोजगारी के चलते बौना नाली व गड्ढों का खुदाई कार्य कर रहे हैं जिसमें शिवमंगल यादव द्वारा कम रेट देकर कार्य कराया जा रहा है l बताते चलें हनुवा बीट के सरैया प्लांटेशन में 2015 /2017 में बड़ी मात्रा में वृक्षारोपण का कार्य कराया गया था व बौना नाली खुदाई व गड्ढे खुदाई व प्लांटेशन का कार्य कराया गया था लेकिन आज वही प्लांटेशन पर नया खखरी का निर्माण दिखाकर सरकारी पैसे का बंदरबांट किया जा रहा है l
वन विभाग की लापरवाही इस कदर हावी है कि स्कूली बच्चों के नाम पर मनमाने तरीके से पैसा निकालने का काम किया जा रहा है जबकि वह बच्चे विद्यालय में अध्ययनरत रहते हैं जिम्मेदार अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी अनजान बनकर तमाशा देखते हुए नजर आते हैं l
वन विभाग के बरगढ़ रेंज, मारकुंडी रेंज, मानिकपुर रेंज,कर्वी रेंज व रैपुरा रेंज के अंतर्गत बौना नाली ,गड्ढे खुदाई, सुरक्षा खाई खुदाई व प्लांटेशन व खखरी निर्माण का कार्य बड़ी मात्रा में कराया जा रहा है जिसमें विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से पुराने कार्यों को नया दिखाकर भुगतान कराया जा रहा है l
सबसे बड़ी सोचने वाली बात यह है कि जब जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत की जा रही है तो वह भी मामलों की अनदेखी करते हुए शिकायतों को दरकिनार करते हुए नजर आते हैं l