रिपोर्ट-संजय सिंह राणा
चित्रकूट -क्रेसर नगरी भरतकूप में घटनाये रुकने का नाम नहीं ले रही हैं आये दिन मजदूर मर रहे हैं और खनिज पट्टा धारको को कोई मतलब नही रहता कि कोई मरता है या गिरता है l जब कोई घटना घटित हो जाती है तो मजदूरो को सरकारी अस्पतालो मे भर्ती करा दिया जाता है और सरकारी अस्पतालो में सही ढन्ग से इलाज न हो पाने के कारण मरीज कराहते रहते हैं l न तो उन्हें किसी पट्टा धारक की कोई मदद मिल पाती है और न ही शासन प्रशासन की l
बताते चले कि भरतकूप सहित आसपास के क्षेत्रों में क्रेशर उद्योग जोरो पर चल रहा है जहाँ ज्यादातर अवैध खनन हो रहा है और अवैध खनन के चलते ज्यादातर घटनाये हो रही हैं और इन घटनाओ पर पर्दा डाल दिया जाता है l खनिज विभाग की मिलीभगत से सुरक्षा मानकों को ताक में चल रहे भरतकूप में ग्रेनाइट पत्थर की खदानें गरीब मजदूरों की कब्रगाह बनती जा रही है। मंगलवार को गोंडा पहाड़ स्थिति पंकज महेश्वरी की खदान में पत्थर की तोड़ाई करते समय रस्सी टूटने से नीचे गिरने से एक गरीब मजदूर की दर्दनाक मौत हो गयी। घटना की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। सदर एसडीएम ने मौके पर पहुचकर घटना स्थल का जायजा लिया।वही इस मामले में डीएम का कहना है कि जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कारवाही की जाएगी। जिले में काफी अरसे से खनिज विभाग की मिलीभगत से ग्रेनाइट पत्थर की खदानों में सुरक्षा मानकों को ताक में रखकर संचालित हो गई है खदानों में ब्रंच आदि की व्यवस्था न होने पर एवं काम करने वाले मजदूरों को हेलमेट आदि सुरक्षा सामग्री उपलब्ध न कराए जाने की वजह से खदानें गरीब मजदूरों की कब्रगाह बनती जा रही है l
जिले के भरतकूप थाना के अंतर्गत सिलखोरी गांव का निवासी इंदु उर्फ गिरधारी(35) पुत्र रामखेलावन गोंडा पहाड़ स्थिति पंकज महेश्वरी ग्रेनाइड पत्थर की खदान में मजदूरी करता था। मंगलवार को रोज की तरह वह पत्थर तोड़ रहा था कमर में बंधी जर्जर रस्सी टूट जाने की वजह से वह निचे गिर गया और उसकी दर्दनाक मौत हो गई मृतक मजदूर के परिजनों में कोहराम मच गया। गोंडा पहाड़ पहुंच सदर एसडीएम राम प्रकाश व भरतकूप थाना प्रभारी संजय कुमार उपाध्याय ने मौका मुआयना करने के बाद शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए मर्चरी भिजवा दिया गया।
बताते चले कि अवैध खनन का गढ मानेजाने वाले भरतकूप व आसपास के क्षेत्रों में पहाडो पर पत्थर का तोडान और क्रेशर मशीन में कार्य करते हुए कई मजदूरो की मौत हो चुकी है लेकिन प्रशासन की तरफ़ से कोई ठोस कार्यवाही नहीं किये जाने के कारण आयेदिन घटनाये हो रही हैं l
खनिज अधिकारी और उनके गुर्गो द्वारा अवैध वसूली मजदूरो की मौत का कारण बन रही है कोई घटना घटित हो जाने के बाद जाँच ठन्डे बस्ते मे चली जाती है l
खनिज अधिकारी शासनादेश का उल्लंघन करते हुए मजदूरो को खदानो और क्रेशरो में कार्य करने देते हैं और पट्टाधारक अपनी मनमानी करते हुए काम लेते हैं l
जबकि प्रमुख सचिव (श्रम )द्वारा सख्त निर्देश दिए गये थे कि प्रत्येक मजदूर का पंजीकरण कराकर कार्य करने की अनुमति दे जिससे मजदूरो के साथ अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो मजदूर को सरकार द्वारा लाभ मिल सके लेकिन मजदूर तो ठहरे कीड़े मकोड़े उनके मर जाने से क्या फर्क नहीं पड़ता है फ़िर कोई दूसरे मजदूर मिल जायेगे कार्य करने के लिए l
खनिज विभागऔरखननमाफियाओ की मिलीभगत के कारण अवैध खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है और मजदूरो की देखभाल करने के लिए कोई तैयार नहीं है l
बिना पन्जीकरण के मजदूरो को खदानो और क्रेशरो में काम पर रखा जा रहा है और घटनाये होने पर मजदूरो को मुआवजा तक नहीं मिल पा रहा है l