रिपोर्ट-संजय सिंह राणा
चित्रकूट– परिषदीय विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था के सुधार हेतु सरकार हर संभव प्रयास कर रही है वहीं दूसरी ओर लापरवाह शिक्षकों की मनमानी के चलते नौनिहाल बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है विद्यालय में 2 शिक्षकों की तैनाती होने के बावजूद भी प्राइवेट शिक्षिका के सहारे विद्यालय चल रहा है लेकिन कोई जिम्मेदार अधिकारी इस विद्यालय को देखने वाला नहीं है विद्यालय में शिक्षकों की मनमानी के किस्से गांव में चर्चा का विषय बने हुए हैं l
मामला है पहाड़ी विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत धौराहरा में बने पूर्व माध्यमिक विद्यालय तीर धुमाई गंगू का l
पूर्व माध्यमिक विद्यालय तीरधुमाई गंगू में 2 शिक्षकों की तैनाती है जिसमें हेमंत वर्मा प्रधानाध्यापक के पद पर व मतगंजन प्रसाद वर्मा सहायक अध्यापक के पद पर तैनात हैं लेकिन यह दोनों शिक्षक विद्यालय से ज्यादातर गायब रहते हैं इन शिक्षकों की गैरमौजूदगी में प्राइवेट शिक्षिका रीना विश्वकर्मा के द्वारा विद्यालय संचालित किया जाता है l
पूर्व माध्यमिक विद्यालय में तैनात शिक्षकों द्वारा रीना विश्वकर्मा को प्राइवेट शिक्षिका के रूप में तैनात किया गया है जिसको लगभग ₹3000 महीने दिया जाता है वही विद्यालय में शिक्षण कार्य करती हैं विद्यालय में तैनात प्राइवेट शिक्षिका रीना विश्वकर्मा से जब विद्यालय में तैनात शिक्षकों के बारे में पूछा गया तो वह कुछ बताने के बजाय किनारा करती हुई नजर आई व फोन के माध्यम से शिक्षकों को अवगत कराया कि विद्यालय में कुछ मीडिया कर्मी आए हुए हैं जो आप लोगों को पूछ रहे हैं l
जिसमें प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक व उनके सहयोगियों द्वारा मीडिया कर्मी को फोन करके दबाव बनाने का प्रयास किया गया व खबर नहीं चलाने की धमकी दी गयी l
पूर्व माध्यमिक विद्यालय तीर धुमाई गंगू में शिक्षकों की मनमानी कोई नई बात नहीं है इससे पहले भी शिक्षकों द्वारा इस विद्यालय पर खूब मनमानी की जा रही थी व नौनिहाल बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था गत वर्ष पूर्व 15 जनवरी 2019 को विद्यालय से शिक्षक नदारद रहे थे जिसकी शिकायत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आनंद प्रकाश शर्मा से की गई थी लेकिन घूसखोरी के चलते वह इन लापरवाह शिक्षकों पर कोई कार्यवाही नहीं किए थे सिर्फ दबाव बनाकर पैसा लेने का काम किया था l
खंड शिक्षा अधिकारी ओम प्रकाश मिश्रा की मनमानी के चलते पहाड़ी ब्लाक के ज्यादातर विद्यालयों से शिक्षक नदारद रहते हैं लेकिन खंड शिक्षा अधिकारी मोटी रकम लेकर उन पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं वही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध लग रही है जिसके चलते शिक्षा व्यवस्था चौपट हो रही है l
परिषदीय विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था के सुधार को लेकर सरकार द्वारा कई तरह के प्रयास किये जा रहे हैं सरकार के सख्त निर्देश के बावजूद भी शिक्षकों द्वारा लापरवाही की जा रही है व नौनिहाल बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है l विद्यालय के ख़स्ता हाल, प्रधान व सचिव ने निर्माण कार्यों में की जमकर धांधली।
रसोइया लकड़ी से बनाती मिड़ डे मील
पूर्व माध्यमिक विद्यालय गंगू की हालात देखते ही बनती है जहां पर शिक्षा व्यवस्था के साथ-साथ विद्यालय के मरम्मतीकरण में घोर धांधली की गई है विद्यालय की फर्श व बाउंड्रीवाल टूटी पड़ी हुई हैं l विद्यालय में लगा हैंडपंप महीनों से बिगड़ा पड़ा हुआ है लेकिन इस पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है l विद्यालय में मिड डे मील लकड़ी से बनाया जा रहा है रसोइयों द्वारा बताया गया कि जब से हम लोगों की तैनाती खाना बनाने में हुई है तब से ही लकड़ी से खाना बनता चला रहा है जब गैस सिलेंडर के लिए रसोइयों से पूछा गया था उन्होंने बताया कि गुरु जी द्वारा सिलेंडर नहीं दिया जाता है जिसके कारण हम लोग लकड़ी से खाना बनाने को मजबूर है l
विद्यालय में कायाकल्प योजना के तहत कई कार्य कराए गए हैं जो मानक विहीन हैं l
ग्राम प्रधान व सचिव की लापरवाही के चलते विद्यालय के मरम्मतीकरण में घटिया सामग्री का उपयोग करते हुए कार्य कराया गया हैं l
विद्यालय से गायब रहने वाले शिक्षकों व सरकारी पैसे का बंदरबांट करने वाले ग्राम प्रधान व सचिव के ऊपर जिला प्रशासन कब कार्यवाही करने का काम करेगा l
यह एक बड़ा ही सोचनीय विषय है l