संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट-जब से देश में लॉक डाउन की घोषणा हुई है तब से लोग शहरों से अपने घरों की ओर पहुंचने की हड़बड़ी में हैं। सूरत, मुंबई, नागपुर और अहमदाबाद में रोजी-रोटी कमाने गए लोग कोरोना महामारी से बचने के लिए अपने घर वापस लौट रहे हैं।
लॉक डाउन की वजह से बसें और रेल गाड़ियां बंद हैं जिसकी वजह से घर लौटने के लिए लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। हालत यह है कि लोग सैकड़ों किलोमीटर का पैदल सफर कर अपने घर पहुंचना चाहते हैं। चित्रकूट की यातायात पुलिस शहरों से अपने घर वापस लौट रहे लोगों के स्वागत सत्कार की व्यवस्था कर रही है।
लोगों को ब्रेड के पैकेट, नमकीन और बिस्किट बांटे जा रहे हैं। थके हारे परेशान लोगों को चाय पिलाकर उनके घरों को जाने वाले सबसे छोटे रास्ते भी बताए जा रहे हैं।
हमेशा सड़कों में लोगों को यातायात के नियमों का पालन कराने वाली पुलिस देश में लॉक डाउन घोषित होने के बाद दोहरी भूमिका में नजर आ रही है। एक तरफ जहां घरों को लौट रहे थके हारे लोगों को सेवा की जा रही है वहीं दूसरी तरफ लॉक डाउन का उल्लंघन करने वाले लोगों को उनकी उद्दंडता का दंड भी दिया जा रहा है।
ऐसे लोग जो बिना किसी कारण बार-बार सड़कों पर बाइक से फर्राटे भरते हैं इन्हें चिन्हित कर पहले तो घरों में रहने की हिदायत दी जाती है और ऐसे लोग जो प्यार से समझाने के बाद भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आते उन्हें चित्रकूट के यातायात प्रभारी योगेश यादव लाइन में खड़ा कर उठक बैठक लगवाते हैं और आगे से नियम का उल्लंघन नहीं करने की कसम भी खिलाते हैं।