रिपोर्ट-संजय सिंह राणा
चित्रकूट– स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत जहां सरकार ग्राम पंचायतों को खुले में शौच मुक्त बनाने का सपना देख रही है वहीं दूसरी ओर जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही व सचिव प्रधान की मनमानी के चलते ग्राम पंचायतों में सही तरीके से शौचालयों का निर्माण नहीं कराया जा रहा है सिर्फ कागजों में खानापूर्ति करते हुए शौचालयों का निर्माण दिखाया जा रहा है शौचालयों की फर्जी फोटो अपलोड कर सिर्फ कागजों में खुले में शौच मुक्त गाँव बनाने का दावा किया जा रहा है जबकि जमीनी हकीकत यह है कि ग्राम पंचायतों में जो शौचालय ग्राम प्रधान द्वारा बनवाए गए हैं उसमें ग्राम प्रधान व सचिव की मिलीभगत के चलते निर्माण कार्य मानक विहीन कार्य कराते हुए सरकारी पैसे का बंदरबांट किया गया है l
शौचालयों का निर्माण घटिया सामग्री का उपयोग करते हुए कराया गया है जिसके चलते शौचालयों की हालत देखते ही बनती है कई जगह शौचालयों का निर्माण ही नहीं कराया गया है सिर्फ पैसा निकालकर बंदरबांट किया गया है व ग्राम पंचायतों में जहां शौचालय बनवाए गए हैं उन शौचालयों में किसी में सीट नहीं बैठी है तो किसी के गड्ढे तक नहीं खोदे गए लेकिन ग्राम प्रधान द्वारा शौचालयों का काम पूर्ण बताया जा रहा है l
जिला पंचायत राज विभाग द्वारा जब ग्राम पंचायतों में निर्मित शौचालय का सत्यापन कराया गया तो उसमें भी घोर धांधली सामने आ रही हैं जिसमें सत्यापन करने वाले लोग ग्राम प्रधान व सचिव से मिलकर फर्जी तरीके से रिपोर्ट लगाकर जिला पंचायत राज अधिकारी को दे रहे हैं जिला पंचायत राज अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी इन लापरवाह ग्राम प्रधानों व सचिव को ऊपर कार्यवाही करने से कतराते हैं l
जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत बड़ी मात्रा में स्वच्छता को लेकर एडवरटाइजिंग कराई गई जिससे लोगों को खुले में शौच मुक्त गांव का संदेश दिया जा सके लेकिन ग्राम पंचायतों में शौचालयों की हालत बड़ी ही बदतर है लेकिन पंचायत राज विभाग द्वारा बड़ी-बड़ी होर्डिंग लगाकर व एडवरटाइजिंग कराकर चित्रकूट जिले के गांवों को खुले में शौच मुक्त बनाने का दावा किया जा रहा है जबकि शौचालयों के निर्माण में जमकर धांधली करते हुए सरकारी पैसे का खूब बंदरबांट किया गया है l शौचालयों के निर्माण में सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) द्वारा ग्राम प्रधान व सचिव से कमीशन खोरी करते हुए शौचालयों की सच्चाई को छुपाया गया है वही सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) द्वारा अपने कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों के ऊपर दबाव बनाकर फर्जी फोटो अपलोड कराई जा रही है l
सबसे बड़ी सोचने वाली बात यह है कि शौचालय निर्माण में हो रही धांधली पर जिला प्रशासन कब जांच कराते हुए कड़ी कार्यवाही करने का काम करेगा l