रिपोर्ट-संजय सिंह राणा
चित्रकूट– बेसहारा गोवंश के आश्रय के लिए सरकार जहां लाखों रुपए की लागत से पशु आश्रय गृह की स्थापना करा रही है वहीं दूसरी ओर जिम्मेदार अधिकारियों व ठेकेदारों की मिलीभगत से पशु आश्रय गृह निर्माण में घोर धांधली की गई है जिसके चलते पशु आश्रय गृह में बनवाये गए गार्ड रूम, भूसा भंडारण कक्ष, टीन शेड व चरही निर्माण समयावधि से पहले ही ध्वस्त होने लगे हैं । पशु आश्रय गृह के घटिया निर्माण के चलते ग्राम पंचायत द्वारा पशु आश्रय गृह को हैण्ड ओवर नहीं लिया गया है।
मामला है मानिकपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत बसिला में बने पशु आश्रय गृह का।
ग्रामीण अभियंत्रण विभाग प्रखंड चित्रकूट द्वारा बनाए गए पशु आश्रय गृह में जिम्मेदार अधिकारियों व ठेकेदार की मिलीभगत खूब देखने को मिली है जिसके चलते पशु आश्रय गृह का निर्माण कार्य मानक विहीन कराया गया है कमीशन खोरी के चलते जिम्मेदार अधिकारी पशु आश्रय गृह में हुए घटिया निर्माण पर ठेकेदार के ऊपर कार्यवाही करने से कतराते हैं लगभग 28 लाख 54 हजार रुपये की लागत से बने पशु आश्रय गृह का निर्माण देवकुमार ठेकेदार द्वारा कराया गया था ।
ग्राम प्रधान बसिला राम प्रताप सिंह द्वारा बताया गया कि पशु आश्रय गृह का निर्माण मानक विहीन कराया गया है जिसके चलते निर्माण कार्य ध्वस्त होने लगे हैं पशु आश्रय गृह में गार्ड रूम, भूसा भण्डारण कक्ष, टीन शेड व चरही निर्माण घटिया किस्म की सामग्री का उपयोग करके कराया गया है जिसमें चरही का निर्माण इस तरह किया गया है कि चरही ध्वस्त हो गई है और पानी निकल रहा है lवही भूसा भंडारण कक्ष की फर्श ध्वस्त हो गई है ।
वही ग्राम प्रधान ने बताया कि इस पशु आश्रय गृह पर ग्राम पंचायत द्वारा गौशाला का निर्माण कराया गया है जिसमे ग्राम पंचायत द्वारा लगभग दस लाख रुपये खर्च किये गए हैं जिसमें तार फ़िनसिंग, ईटा खडंजा निर्माण व इंटरलॉकिंग खडंजा निर्माण कराया गया है ।
ग्राम प्रधान द्वारा बताया गया कि पशु आश्रय गृह का घटिया निर्माण होने के कारण ग्राम पंचायत ने आज तक हैण्ड ओवर नहीं लिया है।
सबसे बड़ी सोंचने वाली बात यह है कि एक ग्राम पंचायत में दो दो गौशालाओं के निर्माण का पैसा निकाला गया है और सरकारी पैसे का बंदरबाट किया गया है ।
पशु आश्रय गृह व गौशाला के निर्माण में हुए सरकारी पैसे के बंदरबाट पर जिला प्रशासन कब जाँच कराकर कार्यवाही करने का काम करेंगे।