- शौचालय निर्माण के नाम पर सरकारी पैसे का हुआ जमकर बंदरबाट
- बिना शौचालयों के निर्माण कराए हो गए फर्जी भुगतान
- फर्जी फ़ोटो अपलोड कर कोरम किया गया पूरा
- शौचालय निर्माण के बाद अब सामुदायिक शौचालय निर्माण में कराया जा रहा मानक विहीन कार्य
रिपोर्ट- संजय सिंह राणा
चित्रकूट- स्वच्छ भारत मिशन(ग्रामीण)के तहत जहां सरकार भारी संख्या में शौचालयों का निर्माण कराकर ग्राम पंचायतों को ओडीएफ(खुले में शौच मुक्त)बनाने के लिए संकल्पित है वहीं दूसरी ओर जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों की मनमानी के चलते सरकार के मंसूबों पर पानी फेरा जा रहा है l
केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा सख्त निर्देश जारी किए गए थे कि दो अक्टूबर2018तक जिले की समस्त ग्राम पंचायतों को ओडीएफ(खुले में शौच मुक्त)बनाया जाना था लेकिन ग्राम पंचायत प्रधानों व सचिवों सहित जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते लगभग दो साल गुजर जाने के बाद भी आजतक ग्राम पंचायतें ओडीएफ नहीं हो सकी हैं l
ग्राम पंचायतों को ओडीएफ(खुले में शौच मुक्त)बनाये जाने के लिए कागजी घोड़े खूब दौड़ाये गए हैं लेकिन जमीनी हकीकत कोसों दूर नजर आ रही है l
जिले की सभी ग्राम पंचायतों में शौचालयों का निर्माण कार्य कराया गया है जहाँ ज्यादातर शौचालय आज भी आधे अधूरे पड़े हैं और जो भी शौचालय बने हुए हैं वह भी इस्तेमाल करने लायक नहीं बने हैं l कई ग्राम पंचायतों में शौचालयों के नाम पर खाली चहार दिवारी बना दी गयी है लेकिन गड्ढे नहीं बनाए गए हैं l
कई ग्राम पंचायतों में तो निर्मल भारत अभियान के तहत बनवाये गए शौचालयों की लीपापोती करके कोरम पूरा करने का काम किया गया है l
ओडीएफ(खुले में शौच मुक्त)बनाने में पहाड़ी विकास खण्ड सबसे आगे रहा है जहाँ वर्ष 2018 में तत्कालीन खण्ड विकास अधिकारी व सहायक विकास अधिकरी पंचायत ने वाहवाही लूटने के लिए सबसे पहले ओडीएफ ब्लॉक घोषित कर दिया था l जिसमें समाचारों पत्रों में लाखों का विज्ञापन प्रकाशित कराकर पूरे ब्लाक को ओडीएफ बना दिया गया था l
पहाड़ी ब्लाक सहित कर्वी ब्लॉक, मऊ ब्लॉक, मानिकपुर व रामनगर ब्लॉक में भी शौचालयों के नाम पर जमकर लीपापोती की गई है l
बेस लाइन शौचालयों के नाम पर जमकर सरकारी पैसे का बंदरबाट किया गया है l शासन द्वारा बेसलाइन शौचालयों के लिए बड़ी मात्रा में धनराशि स्वीकृति की गई थी जिसमें जिलाधिकारी महोदय द्वारा सख्त चेतावनी दी गई थी कि ग्राम पंचायतों में शौचालयों का कार्य जल्द से जल्द पूरा किया जाय लेकिन बेसलाइन शौचालयों का नाम मात्र कार्य कराकर फर्जी फोटोज अपलोड की गई हैं l
जब नया भारत दर्पण समाचार की टीम ने गाँवों में पहुंच कर शौचालयों की हकीकत से रूबरू हुए तो देखा कि शौचालयों के निर्माण में घोर धांधली की गई है l
कई ग्राम पंचायतों में शौचालयों के निर्माण कार्य ऐसे कराए गए थे कि पहली बरसात में शौचालयों की हकीकत सामने आ गयी थी l
ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधान व सचिव की मनमानी व विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के चलते सरकारी पैसों का बंदरबाट किया गया है l
वहीं अब सामुदायिक शौचालय के निर्माण में घोर धांधली की जा रही है जिसमें मानक विहीन कार्य कराकर सरकारी धन का बंदरबाट किया जा रहा है l
कर्वी ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचालय निर्माण में सरकारी मानक को दर किनार करते हुए निर्माण कराया गया है l
एक अक्टूबर 2020 को खण्ड विकास अधिकारी राजेश कुमार नायक ने ग्राम पंचायत भंभई स्थित सामुदायिक शौचालय का औचक निरीक्षण किया जिसके बारे में नया भारत दर्पण समाचार की टीम ने सामुदायिक शौचालय निर्माण व गुणवत्ता के विषय में जानकारी चाही जिसमें खण्ड विकास अधिकारी राजेश कुमार नायक ने बताया कि सामुदायिक शौचालय निर्माण की जांच की गई जिसकी जांच रिपोर्ट तैयार की जा रही है व जांच रिपोर्ट आने के बाद कुछ कहा जा सकता है l
सबसे बड़ी सोचने वाली बात यह है कि ग्राम पंचायत भंभई में हुए सामुदायिक शौचालय निर्माण की जांच रिपोर्ट सही तरीके से तैयार कर पाएंगे या फिर जांच रिपोर्ट ठंडे बस्ते में चली जाएगी l
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत बनाए गए शौचालयों व सामुदायिक शौचालयों के निर्माण में सरकारी निर्देशो का खुला उल्लंघन करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों, सचिवो व ग्राम प्रधानों के ऊपर जिला प्रशासन क्या कार्यवाही करने का काम करेगा यह एक बड़ा सवाल है l