रिपोर्ट-संजय सिंह राणा
चित्रकूट- प्रधानमंत्री आवास योजना(ग्रामीण)के तहत जहां सरकार गरीब लोगों को आवास मुहैया कराने का काम कर रही है वहीं दूसरी ओर जिम्मेदार अधिकारियों व ग्राम प्रधान व सचिव की लापरवाही के चलते गरीब लाभार्थियों को आवास नहीं मिल पा रहा है l
ऐसा ही एक मामला सामने आया है पहाड़ी विकास खण्ड के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बूढ़ा सेमरवार का l
ग्राम पंचायत बूढ़ा सेमरवार में ग्राम प्रधान व सचिव की मनमानी खूब देखने को मिल रही है जहां पर गरीब लाभार्थियों को आवास जैसी सुविधा नहीं मिल पा रही है l ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान व सचिव की मनमानी के चलते पात्र लोगों को सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है जबकि अपात्र लोगों को मनमाने तरीके से योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है l
पूर्व में समग्र लोहिया ग्राम रहे बूढ़ा सेमरवार की हालत देखते ही बनती है जहां पर लोहिया आवासों के नाम पर खूब धांधली की गई है वहीं दूसरी ओर इंदिरा आवास योजना व प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के नाम पर खूब लीपापोती की जा रही हैं ग्राम पंचायत की वृद्ध लाभार्थी महिला सतिनिया अपने ग्यारह साल के नाती के साथ टूटे हुए झोपड़े में रहती है जहाँ पर बारिश होने के चलते झोपड़े में पानी भर जाता है पूरी तरह खंडहर में तब्दील इस घर में किस तरह दादी और नाती का गुजारा होता होगा यह बताने की जरूरत नहीं है सतिनिया द्वारा बताया गया कि मैं अपने नाती के साथ इस टूटे घर में रहती हूं लेकिन इसको देखने वाला कोई नहीं है कई बार ग्राम प्रधान व सचिव से कहा गया लेकिन इसे देखने तक नहीं आए ग्राम पंचायत में सत्यापन के नाम पर खूब गड़बड़झाला किया जाता रहा है जहां पर जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ घर बैठकर ही सत्यापन का कार्य पूरा कर लेते हैं जिसके कारण पात्र लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है l
सबसे बड़ी सोचने वाली बात यह है कि जहां एक ओर सरकार गरीब लोगों को आवास देने का काम कर रही है वहीं दूसरी ओर ग्राम प्रधान व सचिव सहित जिम्मेदार अधिकारियों की मनमानी के चलते इन गरीब लोगों को रहने के लिए आवास तक नहीं मिल पा रहा है l
वृद्ध महिला ने बताया कि आवास तो दूर की बात…
मुझे तो वृद्धा पेंशन तक नहीं मिलती है जबकि मेरे पति की मृत्यु कई साल पहले हो चुकी है जब भी कोई योजना का फार्म भरा जाता है तो उसे दबाने का काम किया जाता है l
गरीब महिला ने बताया कि अनुसूचित जाति की गरीब महिला होने के चलते कोई ध्यान देने वाला नहीं है l
ग्राम पंचायत में तैनात सचिव कमलेश सिंह व ग्राम प्रधान अब्दुल रऊफ खान की मनमानी खूब देखने को मिल रही है जहां पर पात्र लाभार्थियों के साथ अनदेखी करते हुए अपात्रों के नाम पर योजनाएं दी जा रही हैं l आखिर इस गरीब महिला को कब पेंशन व आवास जैसी सुविधा मिल पाएगी यह एक बड़ा सवाल है l