रिपोर्ट-संजय सिंह राणा
चित्रकूट-ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों को लेकर जहाँ सरकार लाखों रुपए खर्च करके विकास कार्य करवा रही है वहीं दूसरी ओर ग्राम प्रधान व सचिव की मनमानी के चलते विकास कार्यों में लीपापोती करते हुए सरकारी पैसे का बंदरबाट किया जा रहा है l ऐसा ही एक मामला सामने आया है रामनगर विकास खण्ड के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत पियरिया माफी का l
ग्राम पंचायत पियरिया माफी मे प्रधानमंत्री जी की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत गांव मे बड़ी संख्या में शौचालय बनवाये गए हैं जिसमें बनवाये गये शौचालयों सभी शौचालयों का धन लोगो को दिया जा चुका है ग्राम पंचायत में किसी को शौचालय मिला है तो किसी को शौचालय नहीं मिला है लेकिन उनके शौचालय के नाम का पैसा निकल चुका है lग्राम पंचायत में एक एक घर मे दो,तीन,चार से अधिक तक शौचालय दिये गये है प्रत्येक शौचालय की धनराशि 12000.00 है कुल 275 शौचालय बने है जिनमे कुल 33 लाख रूपये सरकार का खर्च हुआ है ।इतनी बडी धनराशि सरकार खर्च होने के बावजूद शौचालयों की स्थिति जस की तस बनी हुई है।
शौचालयों के नाम पर ऐसे लोगो के नाम पर भी धन निकाला गया है जो इस गांव के निवासी भी नही है। प्रधान का नौकर कैलाश जिसका पता नही कि यह कहां का रहने वाला है उसके नाम से भी शौचालय का धन निकाला गया है कुछ छीबो ग्राम सभा के लोगो के नाम से धन निकाला गया है। श्रीराम पाल पुत्र श्रीपाल जिसका नाम क्रम संख्या 198 पर है वह पियरिया माफी का रहने वाला नही इस नाम का कोई ब्यक्ति गांव मे है ही नही उसके नाम पर भी शौचालय का धन निकाला गया है।पूर्व प्रधान के अन्तिम कार्यकाल समय मे 30 शौचालयों का 12 हजार की दर से कुल तीन लाख साठ हजार धन खाते मे पडा था जिसको इन्ही शौचालयों मे दिखाकर पूरा पैसा हजम कर लिया गया है।सब मिलाकर गांव मे कुल 305 शौचालयों का धन इस प्रधानी के कार्यकाल मे जो कुल 36 लाख 60 हजार होता है अब तक पियरिया माफी मे शौचालयों के नाम पर खर्च हुआ है सभी का धन निकाल लिया गया है।
ग्राम पंचायत के विकास कार्यों व शौचालयों के नाम पर हुई धांधली की शिकायत पियरिया माफी निवासी व क्षेत्र पंचायत सदस्य जितेंद्र कुमार शुक्ला ने खण्ड विकास अधिकारी आशाराम सिंह को शिकायत पत्र सौंप कर जांच कराए जाने की मांग की थी जिसमे जिला विकास अधिकारी राजकुमार त्रिपाठी द्वारा जांच करते हुए जांच रिपोर्ट जिला पंचायत राज अधिकारी को सौंपी थी जिसमे आज तक कोई कार्यवाही नहीं हो सकी जिसके कारण ग्राम प्रधान अपनी मनमानी करते हुए नजर आ रहा है l
ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान पति की मनमानी इस कदर हावी है कि ग्राम पंचायत में इंटरलॉकिंग खड़ंजा निर्माण, विद्यालयों के मरम्मती करण, नाला निर्माण, शौचालय निर्माण व मनरेगा योजना के तहत कराये गए कार्यों में घोर धांधली की गई है l
आखिर ऐसे लापरवाह ग्राम प्रधान व सचिव के ऊपर जिला प्रशासन कब शिकंजा कसने का काम करेगा l
यह एक बड़ा सवाल है l