रिपोर्ट- संजय सिंह राणा
चित्रकूट- विकास कार्यों के नाम पर ग्राम पंचायतों में किस प्रकार की लीपापोती की जा रही है यह कोई ब्लॉक मुख्यालय के गांव रामनगर जाकर देखें…
जहां पर ग्राम प्रधान व सचिव की मिलीभगत से सरकारी पैसे का जमकर बंदरबांट किया गया है जहां ठेकेदार द्वारा मानक विहीन कार्य कराकर भुगतान करा लिए गए हैं जब इस मामले की जानकारी जिम्मेदार अधिकारियों को दी गई तो वह भी मामले में लीपापोती करते हुए नजर आए..
मनरेगा गांव रामनगर में इंटरलॉकिंग खड़ंजा निर्माण में घोर धांधली की गई है जहां पर कम सामग्री डालकर व बिना कोई मानक के इंटरलॉकिंग खड़ंजा का निर्माण कराया गया है जो मानक विहीन है जिसकी शिकायत खंड विकास अधिकारी रामनगर आसाराम सिंह से की गई थी लेकिन वह भी कमीशन खोरी के चलते बिना कार्यों की जांच किए हुए भुगतान कर दिया घटिया निर्माण कार्य होने के चलते इंटरलॉकिंग खड़ंजा की हालत देखते ही बनती हैं कई जगह ऐसी हैं जहां पर कम खड़ंजा बनाकर ज्यादा भुगतान किया गया है ग्राम पंचायत रामनगर में तैनात सचिव मनीष कुमार पांडे की मनमानी देखते ही बनती है जो अपने चहेते ठेकेदारों को काम देकर मानक विहीन कार्यों का भुगतान करते हुए नजर आते हैं ।
हरिजन बस्ती से ब्लाक मुख्यालय की सड़क पर जुड़ने वाले रास्ते को नहीं बनवाया गया है जबकि ग्रामीणों द्वारा ग्राम प्रधान से कई बार कहा गया है l
बीआरसी रामनगर में कराए गए टाइल्स निर्माण व इंटरलॉकिंग का निर्माण हो या फिर ब्लॉक के सामने बने नाले का कार्य हो यह कार्य मानक विहीन करा कर सरकारी धन का बंदरबांट किया गया है वही इन जगहों पर काम करने वाले लोगों की मजदूरी का भुगतान आज तक नहीं हो पाया कई जगह मानक से ज्यादा मजदूर लगाकर कार्य कराए गए हैं जिसके कारण इन मजदूरों का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है मजदूरों द्वारा बताया गया कि जब भी ग्राम प्रधान से इस बारे में कहा जाता है तो वह झल्लाने लगते हैं ।
अब सवाल यह उठता है कि क्या इन मजदूरों की मजदूरी मिल पाएगी या फिर ऐसे ही यह मजदूर खामोश रह जाएंगे …
मानक विहीन कार्य करा कर सरकारी धन का बंदरबांट करने वाले सचिव व ग्राम प्रधान के ऊपर जिला प्रशासन कब शिकंजा कसने का काम करेगा यह एक बड़ा सवाल है l