गोरखपुर
आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्रशेखर आजाद गोरखपुर सदर (Gorakhpur Sadar) से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपना उम्मीदवार बनाया है। समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन पर बात नहीं बनने पर चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekar Azad) ने यूपी चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है। दलित वोट बैंक के सहारे भीम आर्मी इस बार अपनी चुनावी किस्मत आजमाना चाहती है। सहारनपुर के आस-पास की सीटों पर भीम आर्मी का प्रभाव माना जाता है। यूपी चुनाव के लिए चंद्रशेखर सपा प्रमुख अखिलेश यादव से दो बार मिले थे। दोनों के बीच गठबंधन पर बात हुई थी। लेकिन बाद में बात नहीं बनी। चंद्रशेखर ने आरोप लगाया था कि अखिलेश को दलित वोट चाहिए लेकिन दलित नेता नहीं चाहिए। चंद्रशेखर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान किया था कि वो दो दिन और इंतजार करेंगे। इसके बाद वो कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं। इसी क्रम में आज आजाद समाज पार्टी ने चंद्रशेखर आजाद को अपना गोरखपुर सदर से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया।
चंद्रशेखर की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद ये खबरें भी आईं थी कि ओमप्रकाश राजभर समाजवादी पार्टी और आजाद समाज पार्टी के बीच बात बनाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अब साफ है कि आजाद समाज पार्टी किसी गठबंधन को लेकर नहीं सोच रही है और अकेले की चुनाव में जाने का फैसला कर लिया है। अब देखने वाली बात ये होगी कि आजाद पार्टी कितनी सीटोंं पर चुनाव लड़ती है।
चंद्रशेखर के सामने कड़ा मुकाबला
चंद्रशेखर आजाद ने गोरखपुर सीट से सीएम योगी के सामने ताल ठोकने का फैसला लिया है। अब मुकाबला देखने लायक होगा। ये चंद्रशेखर के सामने एक बड़ी चुनौती है। वहीं समाजवादी पार्टी से गठबंधन की बात टूटने के बाद चंद्रशेखर ने उन पर गंभीर आरोप लगाए थे। यूपी चुनाव के लिए चंद्रशेखर सपा प्रमुख अखिलेश यादव से दो बार मिले थे। दोनों के बीच गठबंधन पर बात हुई थी। लेकिन बाद में बात नहीं बनी। अखिलेश ने कहा था कि गठबंधन में भीम आर्मी को दो सीटें दी जा रही थीं, इसपर चंद्रेशेखर राजी भी हो गए थे। लेकिन फिर उनके (चंद्रशेखर) पास किसी का फोन आया। जिसके बाद वह गठबंधन के लिए राजी नहीं हुए।
बीजेपी ने ली चुटकी
बीजेपी ने चुटकी लेते हुए कहा कि ‘आइए रावण चुनावी मैदान में आपका स्वागत है, राम तो पहले से ही है मैदान में।”हर किसी को ताल ठोकना चाहिए लेकिन मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने का एलान करने वाले रावण एन वक्त से पहले मुकर न जाना। क्या पता फिर जनता लगे कोसने समय आने पर मैदान छोड़कर लगे भागने।’