गौरव शुक्ला की रिपोर्ट
फर्रूखाबाद –जिला पंचायत चुनाव में पूरी शिद्दत और ईमानदारी से अकेले जुटे भाजपा के भोजपुर विधायक नागेन्द्र सिंह राठौर इन दिनों सपा केे दबंग अपराधियों की रडार पर हैं। बीते कई दिनों से उनके आवास के आसपास संदिग्ध गाड़ियों का आवागमन और उनके परिवार और रिश्तेदारों को खुलेआम मिल रहीं धमकियों के बाद भी पुलिस प्रशासन गम्भीरता से नहीं ले रहा। चंद दिनों पूर्व ही उनकेे आवास के बाहर सरेआम गैैंग वार भी हुआ। जिसमें छह लोग जेल भेजे जा चुके हैं। जब कि सपा खेमे के दबंग आज भी खुलेआम घूम रहे हैं।
भोजपुर विधायक समर्थकों के उत्साह को कम करने के लिए सपा के गुण्डें उनकेे बेटे का नाम लेेकर शराब के नशे में फोन पर गाली गलौज कर माहौल बिगाड़ने और उन्हें व भाजपा को बदनाम करने का खेल कर रहे हैं। बीती रात भी आॅडियो रिकार्डिंग वायरल कर भोजपुर विधायक को बदनाम करने का कुचक्र रचा गया। विधायक के आवास के बाहर दो लग्जरी गाड़ि़यों में बैैठे संदिग्ध खुलेआम चक्कर लगाते रहे। विधायक के बेटे का नाम लेकर रिकाॅर्डिंग में खुलकर गाली गलौज करने के दुश्साहस के पीछे कानून व्यवस्था का खुला मखौल बनाना और दबंगों के हौसले बुलंद करना है।
सोची समझी रणनीति के तहत सपा नेता सुबोध यादव खेमे के इशारे से सोमवार को पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर लक्ष्मीकांत शुक्ला पुत्र रामप्रकाश निवासी तलैया लैन कोतवाली फतेहगढ़ ने बीती 16 जून को जेएनवी रोड़ स्थित विधायक आवास के बाहर हुए गैंगवार में सपा नेता चन्नू यादव के पुत्र आर्यन व उनके पुत्र कौशिक शुक्ला को बेकसूर बताकर विवेचना से नाम निकलवाने की गुहार लगाई है। जब कि घटना की रात सपा नेता चन्नू यादव का लड़का अपने साथियों के साथ सुबोध यादव के घर से ही निकला था। गैंगवार केे दौरान दोनों पक्षों मंे जमकर फायरिंग भी हुई थी। पुलिस ने पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष व वकील सुनील राठौर व उनके साथियों को उसी रात गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लेकिन आज तक दूसरे पक्ष की गिरफ्तारी करने का प्रयास नहीं किया न ही उनके द्वारा घटना में प्रयुक्त अवैध असलहों की खोजबीन तक की। फतेहगढ़ कोतवाल की खुली लापरवाही किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए न्यौता सा दे रही है जब कि गैंगवार का मुकदमा पुलिस की ओर से लिखाया गया। खुद पुलिस ने स्वीकार किया कि दोनों पक्षों में आपस में गोलियां चली। उस वक्त विधायक अपने समर्थकों के साथ आवास के बाहर कुर्सियों पर बैठे थे यदि उनके सुरक्षा कर्मी एैन मौके पर उनके सुरक्षा कर उन्हें सुरक्षा कवच न देते तो कोई बड़ी अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता था। गैंगवार के दौरान भाजपा के पूर्व महामंत्री विमल कटियार पर भी हमला हुआ। गोली चलने से उनके गाड़ी के शीशे टूट गये। जिला प्रशासन ने उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें सरकारी गनर भी मुहैया कराया। लेकिन विधायक की सुरक्षा की ओर कोई ध्यान नहीं दिया