अर्पित श्रीवास्तव की रिपोर्ट
समाज के सहयोग से ही शालाएं विकसित होकर आनंदघर बनेंगी
बांदा। प्राथमिक शिक्षा में कार्यरत शिक्षक प्रमोद दीक्षित मलय छत्तीसगढ़ के नवाचारी शिक्षकों के समूह द्वारा 13 दिसम्बर की शाम को आयोजित ई-परिचर्चा में अपने अनुभव साझा करते हुए शिक्षकों का मार्गदर्शन करेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय विद्यालय शैक्षिक मशाल को निरंतर ज्योतित किए हुए हैं। इन विद्यालयों का विकास समाज के सहयोग के बिना असम्भव है। इस सम्बंध में समझ बनाने हेतु “शासकीय शालाओं के सर्वांगीण विकास में शिक्षक और समाज की भूमिका’ विषय पर शिक्षाविद् प्रमोद दीक्षित मलय शिक्षकों के साथ होंगे।
कार्यक्रम के संयोजक भागवत लाल साहू ने बताया कि हम इस कार्यक्रम ‘शैक्षिक परिचर्चा’ में प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के बेहतरीन शिक्षकों एवं शिक्षाविदों से मुलाकात करवाते हैं। उनके शैक्षिक अनुभव, उपलब्धियों को जानने के साथ ही शैक्षणिक यात्रा में आई दिक्कतों और उनके समाधान पर भी बातचीत करते हैं ताकि शिक्षक साथियों को प्रेरणा मिले और वे भी शिक्षा के क्षेत्र में सीखने-सिखाने की यात्रा का हिस्सा बनकर बच्चों का भविष्य संवार सकें।
रविवार 13 दिसम्बर की शाम ई-शैक्षिक परिचर्चा- 10 के अतिथि हैं
शिक्षाविद्, लेखक एवं संपादक प्रमोद दीक्षित ‘मलय’। आप बांदा, उत्तर प्रदेश से हैं और शिक्षा के क्षेत्र में नवल पहल के लिए जाने जाते हैं। प्रमोद दीक्षित 1998 से शिक्षक हैं। साहित्य की विभिन्न विधाओं यथा गीत, कहानी लेख, व्यंग्य, संस्मरण, जीवनी, बाल साहित्य का लगातार लेखन कर रहे हैं।
सम्प्रति शैक्षिक मुद्दों पर सतत् लेखन। आपके लेख एवं अन्य रचनाएं प्राथमिक शिक्षक, शिक्षा सारथी, शिविरा, प्रारम्भ, शैक्षिक दखल, खोजें और जानें, स्कूल शिक्षा, पुस्तक संस्कृति, राष्ट्रधर्म, राष्ट्रभाषा विस्तारिका, समाज कल्याण, किलोल, बाल किलकारी, देवपुत्र, बालवाटिका, बालवाणी आदि शताधिक पत्रिकाओं तथा दैनिक जागरण, जनसत्ता, देशबंधु, राष्ट्रीय सहारा, देशप्राण, जनवाणी, सुबह सवेरे, राष्ट्रीय खबर, जनसंदेश टाइम्स, घटती घटना, हम हिंदुस्तानी, हिंदी एब्राड, इंडियन पंच, आवाज़, असली आज़ादी, संजीवनी टूडे, प्रवासी संदेश, अश्वघोष, यूरेशिया, विजय न्यूज, स्वदेश, सच कहूं, इंदौर समाचार, दैनिक पूर्वोदय, समाज्ञा, अजीत समाचार, स्वर्ण आभा, सहजसत्ता, इलाहाबाद एक्सप्रेस, पूर्णविराम, पूर्वांचल प्रहरी, दक्षिण भारत राष्ट्रमत, इबादत, आदिकाल, प्रखर विकास, दि ग्राम टूडे आदि दो दर्जन समाचार पत्रों में नियमित लेखन। अनुभूति के स्वर, पहला दिन, महकते गीत, गिजुभाई बधेका का बालदर्शन, हाशिए पर धूप आदि पांच पुस्तकों का संपादन कर चुके हैं।
आकाशवाणी छतरपुर एवं जालंधर से रचनाओं का प्रसारण। दीवार पत्रिका एवं बाल संसद के माध्यम से बच्चों में लोकतांत्रिक समझ के साथ अभिव्यक्ति को बढ़ावा दे रहे हैं। मैत्री समूह ‘शैक्षिक संवाद मंच उ.प्र.’ के माध्यम से आप रचनाधर्मी स्वप्रेरित शिक्षक-शिक्षिकाओं को जोड़कर विद्यालयों को आनंदघर बनाने के अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं।