अस्थाई गौशालाओं में गायों की दुर्दशा
आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
बांदा–जी हां हम बात करते हैं उत्तर प्रदेश जनपद बांदा के तहसील नरैनी के अस्थाई गौशालाओं की जहां पर गायों को इतनी कड़ाके की पड़ रही ठंड में खुले आसमान के नीचे रखा गया है ना तो खाने की व्यवस्था है ठीक-ठाक ना पीने की।
उत्तर प्रदेश सरकार भले ही लाख दावे करती हो गौशालाओं में पूर्व सुविधा दिए जाने की लेकिन यह ग्राम रिसौरा में खुले आसमान के नीचे रखी गयीं गायों को यह तस्वीरें गवाह हैं कि किस तरह गांव को गौ माता के साथ में की जा रही है नाइंसाफी। किस तरह इनको खुले आसमान के नीचे रखा गया है। किस तरह से गौ माता कड़ाके की ठंड को झेल रहे हैं जो अपने माता होने के दंश को बर्दाश्त कर रहे हैं। कड़ाके की ठंड के कारण कई गायों की मौत भी हो चुकी है। जो कि एक में बह रही गायों की लाशें साफ बयां कर रहे हैं आखिर कब जनपद में बैठे जिले के जिम्मेदार अधिकारी जागेंगे, कब गौमाता को मिलेगा इंसाफ? यहां पर जिला प्रशासन से लेकर उत्तर प्रदेश सरकार तक सवाल यह खड़ा होता है कि क्या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का आदेश एक दिखावा है? क्या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पब्लिसिटी के लिए ही गौशाला में जाकर नाम मात्र के गोवंश को गुड़ और चना खिला करके दिखावा कर रहे हैं? क्या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के द्वारा पब्लिसिटी के लिए सब किया जा रहा है? देखना यह है कि जिले में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों की कब नींद टूटती है कब जागते हैं जिले में बैठे जिम्मेदार अधिकारी कब मिलता है गौ माताओं को इंसाफ देखना अभी बाकी है।