आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
बांदा – बदौसा कस्बे के प्रसिद्ध भोलेनाथ के मंदिर में आज शाम 3 बजे से महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर बाराती बनने को शिव भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा गाजे बाजे के साथ। जबकि आज सुबह से ही भोलेनाथ के मंदिरों में भक्तो का तांता लगा रहा। भक्त बेलपत्र और दूध, जल, भांग, भोले नाथ के उपर चढ़ा रहे थे। आपको बता दे की प्रमुख त्योहारों में से एक है महाशिरत्री का ये पर्व। शिव भक्त साल भर अपने आराध्य भोले भंडारी की विशेष आराधना के लिए इस दिन प्रतीक्षा करते हैं। इस दिन शिवालयों पर शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, आदि चढ़ाकर भक्त शिवशंकर को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन जो भी भक्त सच्चे मन से शिवलिंग का अभिषेक या जल चढ़ाते हैं उन्हें महादेव की विशेष कृपा प्राप्त हो जाती है। यही कारण की भगवान शिवशंकर को भोलेनाथ कहा गया है।
हर महीने की कृष्णपक्ष की चतुर्थी के दिन आने वाली शिवरात्रि को शिर्फ शिवरात्रि कहा जाता है। लेकिन फाल्गुन मास की कृष्णपक्ष की चतुर्दशी के दिन आने वाले शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहते है। साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि महत्वपूर्ण मानी जाती है। जो आज पूरे देश में महाशिवरात्रि का पावन पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। जिसमें आज महादेव के मंदिरों में भक्तों का सुबह से ही तांता लगा रहा वहीं कई जगह प्रसाद और भंडारे का भी आयोजन किया जा रहा है।