आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
बांदा। जनपद के जसपुरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत का मामला है। जहां पर डॉक्टरों की लापरवाही के चलते बच्चे, हुए बेसहारा अपने बच्चों का पेट पालने के लिए आज सुबह मजदूरी के लिए निकली थी। सुबह सभी मजदूर मजदूरी के लिए ट्रैक्टर से जा रहे थे । तभी ट्रैक्टर के स्टेरिंग फेल हो जाने के कारण ट्रैक्टर पलट गया। जिससे सभी लोग घायल हो गए ।
घायलों को राहगीरो ने जसपुरा समुदाय स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया जहां पर डाक्टरों के ना होने के कारण एक घायल की मौत हो गई। 2 घंटे बाद भी कोई डाक्टर मौके पर नहीं पहुंचे नही कोई डॉक्टर जबकि डॉक्टरों की ड्यूटी भी थे। लेकिन मौके पर कोई भी डॉक्टर उपस्थित नहीं था। 2 घंटे बाद फार्मासिस्ट के द्वारा किया गया इलाज। तब तक विमलेश देवी की इलाज ना होने के कारण मौत हो चुकी थी।
बांदा जिले के जसपुरा थाना क्षेत्र की घटना जसपुरा कस्बे से 500 मीटर की दूरी पर छोटी पुलिया के पास हुई, घटना मौके में पहुंचे राहगीरों ने पहुंचाया जसपुरा समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जहां पर डाक्टरों की लापरवाही से हुई मौत विमलेश देवी की हुई मौत। विमलेश देवी मजदूरी करके अपने बच्चों का पालन पोषण करती थी । जो रोज की तरह। आज भी मजदूरी के लिए। अपने बच्चों को घर पर छोड़ कर मजदूरी करने गई थी। आपको बता दें कि। जसपुरा कस्बे। में। रहने वाले मजदूर ट्रैक्टर से मजदूरी करने के लिए जा रहे थे। तभी अचानक ट्रैक्टर की स्टेरिंग फेल हो जाने के कारण ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर। खाई में गिर गया जिससे ड्राइवर सहित चार लोग घायल हो गए। राहगीरों की मदद से चारों को जसपुरा स्वास्थ केंद्र में भर्ती कराया। जहां पर डॉक्टर ना होने के कारण विमलेश पत्नी स्वर्गीय सुधार सिंह उम्र 35 वर्ष निवासी तनागमाउ जो जसपुरा में रहकर मजदूरी का काम करती थी।
ममता, पत्नी, बबलू, उम्र 35 वर्ष, निवासी, जसपुरा रामबाबू यादव, पुत्र सरगी, चुन्नू बांध, उम्र, 40 वर्ष, पप्पू खान, उम्र 42 वर्ष, सभी लोग ट्रैक्टर से मजदूरी के लिए जा रहे थे। तभी अचानक ट्रैक्टर पलटने से। सभी लोग घायल हो गए।
ममता पत्नी बबलू उम्र 35 वर्ष निवासी जसपुरा जिसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल के लिए भेजा गया । जिला अस्पताल में हालत गंभीर होने पर कानपुर के लिए भेजा गया। इस घटना से। पूरे कस्बे में। कोहराम मचा हुआ है। कस्बे के लोगों ने बताया , कि बच्चों के ऊपर से माता पिता का साया हट गया। अगर आज डॉक्टर होते तो शायद विमलेश देवी जीवित होती।
कस्बे के महेंद्र सिंह भारतीय किसान यूनियन के ब्लॉक अध्यक्ष ने बताया , कि अधीक्षक संदीप पटेल द्वारा लगातार मनमानी की जा रही है। जिनके रिश्तेदार संसद है। इसलिए इनके ऊपर कोई भी कार्रवाई नहीं होती जबकि आज इनकी ही ड्यूटी थी। ड्यूटी में होने के बावजूद भी कहीं पर घूम रहे थे और मरीज तड़प रहे थे। 2 घंटे व्यतीत होने के बाद भी यहां पर नहीं आए। इनके लिए। एक हफ्ते पहले ही किसान यूनियन के कार्यकर्ताओ द्वारा बठैक की गई थी डॉक्टर संदीप पटेल को हटाने के लिए लेकिन भ्रष्ट अधिकारी होने के कारण अधीक्षक के ऊपर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। ग्रामीणों की मांग है कि अधीक्षक के ऊपर कार्रवाई नहीं की गई तो एक बहुत बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
मृतक विमलेश देवी के पति भी कुछ दिनों पहले। बीमारी के चलते उनकी मृत्यु हो गई थी। तभी से विमलेश मेहनत मजदूरी करके अपने बच्चों का पालन पोषण करती थी। मृतक के दो लड़के और 2 लड़कियां हैं।