अर्पित श्रीवास्तव की रिपोर्ट
बांदा पुलिस की लापरवाही सिपाही समेत उसके परिवार की मौत का कारण बन गई। ट्रिपल मर्डर की इस घटना की जिम्मेदार पुलिस ही बताई जा रही है। उसका कारण है मृतक सिपाही के परिवार ने गुरुवार को ही पुलिस को विवाद को लेकर सूचित किया था। घरेलू विवाद समझकर पूरे मामले को पुलिस ने हल्के में लिया और कोई कार्रवाई नहीं की।
कूड़ा फेंकने के विवाद में ट्रिपल मर्डर, सिपाही के साथ मां और बहन की पीट-पीट कर मौत घाट उतार दिया।
अभिजीत और देवराज के परिवारों के बीच काफी समय से विवाद चल रहा है। दोनों का घर अगल-बगल होने के कारण नाली में कूड़ा फेंकने को लेकर अक्सर दोनों परिवार आमने सामने आ जाते थे। अभिजीत और उसका भाई सौरभ दोनों का पुलिस विभाग में सलेक्शन हो जाने के बाद देवराज परिवार उनसे और ज्यादा खुन्नस रखने लगा था। आरोपित देवराज के भाई शिवपूजन की बेटी संध्या की शादी डिगुहट में हुई है। वह शुक्रवार की सुबह अपने घर आई हुई थी। इधर, अभिजीत भी छुट्टी लेकर शुक्रवार को सुबह घर पहुंचा था। संध्या के आने की खुशी में रात में खाने में गोश्त बना जिसकी हड्डियां संध्या ने नाली में डाल दी। उसी को लेकर अभिजीत ने विरोध किया। इसपर देवराज और उसके भाईयों ने लाठी-डंडा, साबड़-हथौड़ा और कुल्हाड़ी से परिवार पर हमला कर तीनों को मौत के घाट उतार दिया। देवराज मृतक सिपाही के ताऊ का ही बेटा है।सिपाही के मित्र दिलीप ने बताया कि उसे और उसके परिवार को अंदेशा था कि देवराज किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है। इस कारण मां रमावती ने गुरुवार को अलीगंज चौकी में लिखित तहरीर देने के अलावा शहर कोतवाल दिनेश सिंह से मिलकर विवाद के बारे में पूरी जानकारी दे दी थी। उसके बाद भी पुलिस ने मामले को घरेलू विवाद समझकर हल्के में लिया और कोई कार्रवाई नहीं की। सिपाही ने फोन करके भी बताया था।
नौकरी लग गई अब शहनाई की थी तैयारी
अभिजीत का मित्र दिलीप नेटवर्क इंजीनियर है। वह हैदराबाद में नौकरी करता है और लॉकडाउन के दौरान घर आ गया था। वह वर्क फ्रॉम होम पर है। अभिजीत के न रहने पर वह अक्सर उसके परिवार में जाता था और रमावती की पूरी सेवा करता था। दिलीप के मुताबिक रमावती कहती थी कि दोनों बेटों की नौकरी अच्छी हो गई है अब वह दोनों के लिए अच्छा रिश्ता देखकर ब्याह कर देगी।