आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
लखनऊ। सी.एस.आई.आर- केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान लखनऊ के सस्य एवं मृदा विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित औषधीय एवं सगंध पौधो पर द्विसप्ताहिक समन्वित कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम जो कि 3 फरवरी से 12 फरवरी तक चलेगा, उसका आज दिनांक 3.2.2020 को शुभारंभ किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन के.पी दुबे, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन विभाग उत्तर प्रदेश तथा डा अब्दुल समद, निदेशक सी.एस.आई.आर- केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान लखनऊ द्वारा किया गया।इस कार्यक्रम में डा प्रभाकर, प्रमुख वन निगम भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के दौरान मुख्य अतिथि के.पी दुबे द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि गंगा के तटीय क्षेत्रों में औषधीय एवं सगंध फसलों की व्यवसायिक खेती कर किसानों की आर्थिक आय में वृद्धि की जा सकती है। उन्होनें आशा व्यक्त की इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से मास्टर ट्रेनर बनाये जाएगें जो कि औषधीय एवं सगंध पौधो कि खेती को गंगा क्षेत्र में व्यापक रूप से फैला सकेंगे। इस उपलक्ष्य पर डा0 अब्दुल समद, निदेशक सीमैप ने बताया कि इस तरह का कौशल विकास कार्यक्रम सीमैप में पहली बार आयोजित किया जा रहा है।
उन्होनें वन विभाग उत्तर प्रदेश को इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में वित्तीय सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और आहावन किया कि इस कार्यक्रम से प्रशिक्षणार्थियों को औषधीय एवं सगंध पौधो की व्यवसायिक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा।
डा प्रभाकर,वन निगम प्रमुख द्वारा अपने उद्भोदन में प्रधानमंत्री वन धन योजना में सीमैप के सहयोग की आशा व्यक्त की गयी और इस योजना के बारे में प्रशिक्षणार्थियों को विस्तृत से जानकारी दी। डा सौदान सिंह, विभागाध्यक्ष सस्य एवं मृदा विज्ञान विभाग, सीमैप द्वारा किसानों को औषधीय एवं सगंध फसलों की नवीनतम कृषि तकनीकियों की जानकारी दी गयी। इस कार्यक्रम का संचालन सीमैप के प्रधान वैज्ञानिक एवं परियोजना प्रभारी डा राजेश कुमार वर्मा द्वारा किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम में वन विभाग उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र एवं अन्य राज्यों से आये 25 प्रतिभागी, प्रतिभाग कर रहें है। इस कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत प्रतिभागियों को आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण औषधीय एवं सगंध पौधों की नवीनतम कृषि तकनीकियों, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन एवं बाजार से जुड़ी विस्तृत जानकारी सीमैप के विषय विशेषज्ञ वैज्ञानिकों द्वारा दी जायेगी।