आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
बांदा जनपद में खनन माफियाओं के आगे प्रशासन हुआ बेबस । माफियाओं द्वारा बेधड़क जेसीबी मशीनों के माध्यम से रात्रि में अबैध खनन जारी डंप बने कभी खत्म न होने वाले अक्षयपात्र। शासन-प्रशासन की शह पर हो रहा मानक बिहीन खनन।
नरैनी कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पाडादेव में प्रोपाइटर पीके टेडर्स का मालिक तेज बहादुर मिश्रा उर्फ नन्ना और उसका भाई फूल मिश्रा निवासी जरैली कोठी बांदा के संचालन में वर्षो से सूखे मौसम में जंहा केन नदी का सीना चीर अबैध खनन माफियाओं द्वारा बदस्तूर जारी है वंही किसानों की भूमि पर बने टीलो में रात्रि के अंधेरे में मजदूरों एवं जेसीबी मशीनों द्वारा अबैध बालू खनन किया जाता है जिसमें कयी बार टीला धंसने से मजदूरों की जाने भी। गयी और कयी लोग अपने हाथ पैर तुड़वा कर घरों में कैद हो गये।पर प्रशासन के कानों में जूं तक नहीं रेंगी। ऐसा ही वाकया हुआ जिसमें टीलों से अबैध बालू खनन कर रहे तीन चार मजदूर टीला धंसने से उसमें दब गये जिन्हें टीलों में काम कर रहे मजदूरों ने कड़ी मसक्त के बाद बाहर निकाला। और मौके पर पहुंचे ठेकेदार फूलचंद मिश्रा ने अपनी गाड़ी में बैठा इलाज हेतु जिला अस्पताल ले गए किन्तु किसी अस्पताल जाने के बजाय प्राइबेट डाक्टर को बुला गाड़ी में ही पड़े घायल ब्यक्ति के इंजेक्शन लगवा कानपुर ले गए और वहां किस अस्पाताल , क्लीनिक, नर्सिंग हास्पिटल में इलाज कराया यह वात घटना में घायल हुए राजा पुत्र दर्शन बर्मा उर्म लगभग 35वर्ष को भी पता नहीं चल सका।घायल घर में पडे राजा बर्मा ने बताया कि रात्रि में अबैध बालू खनन माफियाओं द्वारा कराया जाता है हम सभी मजदूरों को 3सौ रूपये एक ट्राली ट्रैक्टर को लोड करने के मिलते हैं। और रात्रि के अंधेरे में हमी लोग टीलों से बालू निकालते हैं जेसीबी मशीनें अलग-अलग जगहों पर खनन कार्य में लगाई जाती है। घायल पड़े राजा बर्मा ने बताया कि जब वह टीला धंसने से उसमें दब गया तो उसे उसके साथ कार्य करने वाले मजदूरों ने ही बाहर निकाला।
ज्ञात हो एक यादव परिवार का युवक जो नरैनी कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत गोपरा गांव निवासी था इन्ही टीलों के नीचे दबकर कालकलवित हो गया था किंतु इतनी गंभीर घटनाओं के बाद भी इन ठेकेदारों के बिरूध्द शासन-प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नही किया जाना सोच का बिषय ही नहीं है बल्कि इनकी इस अबैध खनन कार्य में संलिप्तता को उजागर करने के लिए प्रर्याप्त आधार है ।अबैध बालू खनन में जंहा शासन प्रशासन की संलिप्तता है वहीं जनप्रतिनिधियों के भागीदारी की भी चर्चा जोरों पर है ।
लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधि सीधे सामने आने की जगह अपने रिश्तेदारों को सामने किये हुए हैं जो इस अबैध कार्य में खुलकर भागीदारी निभा रहे हैं। जिनके सामने जिला प्रशासन से लेकर स्थानिय प्रशासन ने घुटने टेक दिए हैं। और अपने आप को ताली बजाने वाले लोगों की जमात में शामिल कर लिया क्योंकी ऐसा नहीं करने पर हिस्सा जो नहीं मिलेगा।गजब की है ये हिस्सेदारी गजबका है ये गठजोड़ !! मजदूर मरते हैं मरे घायल होते हैं हो जाएं; क्या होगा दो चार दिन हल्ला मचेगा लोग चिल्लाएंगे गला बैठ जाएगा और फिर शांत हो जायेंगे। इसलिए तो हम भी कहते हैं रामनाम की लूट सको तो लूट नहीं अनंतकाल तक पछताओगे जब बालू हाथ से जायेगी छूट तब पछतावा के शिवा कुछ भी तो हाथ नहीं आएगा ।रही बात सरकार की तो यह बड़ी धोखेबाज हैं आज आपके पास कल किसी दूसरे के साथ चली जाएगी इसका भरोसा नहीं है सो लूटो खूब लूटो जी भरकर लूटो पर यह भी तय इस खूनी खेल में मर रहे घायल हो रहे लोगों व उनके परिजनों की बद्दुआएं आपलोगो का पीछा नहीं छोड़ेगी ।
प्रदर्शित चित्र सांकेतिक है – संपादक