संगीता की रिपोर्ट
बोकारो-जिले में जारी मिनी लौकडाउन की वजह से मिठाई की दुकान और स्टौल नहीं खुल रहे हैं। ऐसे में इस व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। 2020 में शुरू हुई कोरोना की पहली लहर धीमी होने के साथ ही कारोबारीयों के कारोबार पटरी पर लौटने की उम्मीद थी। लेकिन,अप्रैल 2021 में स्थिती एकदम बदल गई है। दूसरी लहर कोरोना की लौटते ही फिर से कारोबारियों में मायूसी आ गई है। शादी का सीजन होने के बाद भी मिठाई कारोबार फिर से लड़खड़ाने लगा है।कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते के साथ ही मिठाई की मिठास कम होने लगी है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभिन्न सेक्टरों में स्थित मिठाई कारोबार अप्रैल में 60 प्रतिशत से अधिक घट गया है। 150 से अधिक है मिठाई दुकान : जिले भर में लगभग 150 से अधिक मिठाई की दुकानें हैं। पिछले वर्ष कोरोना के दस्तक के बाद ही लगे लौकडाउन से ही मिठाई कारोबार पूरी तरह लड़खड़ा गया था।कोरोना की रफ़्तार धीमी होने के बाद कारोबार पर से पाबंदियां हटाई गई। जिसके बाद कारोबार धीरे धीरे पटरी पर लौटने लगी, जिससे कारोबारियों के चेहरे पर खुशी दिखी। कारोबारियों को उम्मीद थी कि कारोबार उठने से अप्रैल में होने वाले त्योहार व अन्य आयोजनों के बाद पिछली बार हुए नुकसान की भरपाई हो सकेगी। लेकिन कोरोना संक्रमण की रफ़्तार बढ़ने के साथ ही कारोबारीयों की यह उम्मीद दम तोड़ने लगी है। कम बन रहे मिठाई के पैकेट : जिले में दूसरी लहर कोरोना के लौटने के बाद जिस तरह कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, उसने लोगों को डराने का काम किया है। मिठाई कारोबारी नरेश ने बताया कि एक माह पहले तक हर रोज औसतन 200 लीटर दूध से मिठाई तैयार होती थी।अब महज 20 लीटर दूध की मिठाई बन पा रही है।500 डिब्बे मिठाई के बिकते थे जो अब घटकर महज 40 से 50 के बीच पहुंच गए हैं। शादी समारोह में घटी मिठाई की खपत : इन दिनों शादी का सीजन चरम पर है। इसके बावजूद मिठाई कारोबार लगातार घट रहा है। शादी व अन्य समारोहों में कोरोना की नई गाइडलाइन के हिसाब से 50 लोगों को ही शामिल होने की अनुमति है। सीमित संख्या में वैवाहिक व अन्य कार्यक्रमों में लोगों के शामिल होने की बाध्यता के चलते मिठाई की खपत कम हो गई है। व्यवसायी प्रदीप ने बताया कि एक और कोविड के मामले बढ़ रहे हैं, और दूसरी ओर औडर एक दम नहीं मिल रहे हैं।