प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशवासियों से ‘मन की बात’ कर रहे हैं. यह ‘मन की बात’ का 92 वां एपिसोड है. सुबह 11 बजे आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) के इस एपिसोड के करोड़ों फैन हैं जो इस संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के संवाद को महीने के आखिरी रविवार की दिनचर्या का हिस्सा मानते हैं. आपको बता दें कि मन की बात का पहला एपिसोड 2014 में टेलीकास्ट हुआ था. तब से यह कार्यक्रम महीने के प्रत्येक अंतिम रविवार को प्रसारित किया जा रहा है।
आजादी के अमृत महोत्सव में बने अमृत सरोवर
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, ‘आजादी का अमृत महोत्सव अगले साल यानी अगस्त 2023 तक चलेगा. देश के लिए, स्वतंत्रता सेनानियों के लिए, जो लेखन-आयोजन आदि हम कर रहे थे, हमें उन्हें और आगे बढ़ाना है. आजादी के इस महीने में हमारे पूरे देश में, हर शहर, हर गांव में, अमृत महोत्सव की अमृतधारा बह रही है. इतना बड़ा देश, इतनी विविधताएं, लेकिन जब बात तिरंगा फहराने की आई, तो हर कोई, एक ही भावना में बहता दिखाई दिया. तिरंगे के गौरव के प्रथम प्रहरी बनकर, लोग, खुद आगे आए. हमारे सैनिकों ने ऊँची-ऊँची पहाड़ की चोटियों पर, देश की सीमाओं पर, और बीच समंदर में तिरंगा फहराया. लोगों ने तिरंगा अभियान के लिए अलग-अलग नए प्रयास किए. हमने स्वच्छता अभियान और वैक्सीनेशन अभियान में भी देश की इस ताकत को देखा था. अमृत महोत्सव में हमें फिर देशभक्ति का वैसा ही जज़्बा देखने को मिल रहा है. इसके साथ ही पूरे देश में अमृत सरोवर बनाने को लेकर तेजी से काम हो रहा है.’
देश में पोषण अभियान तेज करने की अपील
पीएम मोदी ने कहा कि पूरे देश को इस अमृत सरोवर अभियान के अलावा सभी को अगले महीने सितंबर में शुरू हो रहे पोषण अभियान में अपनी भागीदारी निभानी चाहिए. इस अभियान के तहत देश से कुपोषण को दूर भगाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया जाएगा. पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं आप सभी से आग्रह करूंगा कि आप आने वाले पोषण माह में कुपोषण को दूर करने के प्रयासों में हिस्सा जरुर लें. कुपोषण की समस्या का निराकरण इन कदमों तक ही सीमित नहीं है. इस लड़ाई में, दूसरी कई और पहल की भी अहम भूमिका है।
पोषण माह में बढ़े भूमिका
पीएम मोदी ने कहा, ‘उदाहरण के तौर पर, जल जीवन मिशन को ही लें, तो भारत को कुपोषणमुक्त कराने में इस मिशन का भी बहुत बड़ा असर होने वाला है. देश में लाखों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मोबाइल डिवाइस देने से लेकर आंगनबाड़ी सेवाओं की पहुंच को मॉनिटर करने के लिए पोषण ट्रैकर ऐप भी लॉन्च किया गया है. सभी प्रभावित जिलों और नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में 14 से 18 साल की बेटियों को भी पोषण अभियान के दायरे में लाया गया है. इसलिए हम हर साल 1 से 30 सितम्बर के बीच पोषण माह मनाते हैं.’
पीएम मोदी ने आगे ये भी कहा, ‘कुपोषण के खिलाफ पूरे देश में अनेक काम हो रहे हैं. तकनीक का बेहतर इस्तेमाल और जन-भागीदारी भी पोषण अभियान का महत्वपूर्ण हिस्सा बना है. कुपोषण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए एक बढ़िया अभियान झारखंड में भी चल रहा है. झारखंड के गिरिडीह में सांप-सीढ़ी का एक खेल तैयार किया गया है. खेल-खेल में बच्चे अच्छी और खराब आदतों के बारे में सीखते हैं. आप कल्पना कर सकते हैं, क्या कुपोषण दूर करने में गीत-संगीत और भजन का भी इस्तेमाल हो सकता है. मेरा, आप सभी से और खास कर मेरे युवा साथियों से आग्रह है कि आप अमृत सरोवर अभियान में बढ़-चढ़कर के हिस्सा लें और जल संचय और जलसंरक्षण के इन प्रयासों को पूरी की पूरी ताकत दें, उसको आगे बढ़ायें।