ब्यूरो रिपोर्ट लखनऊ
लखनऊ-अमिताभ ठाकुर तथा डॉ नूतन ठाकुर ने अमृत महोत्सव हेतु राष्ट्रीय ध्वज के खरीद में भारी अनियमितता की शिकायत के संबंध में लोकायुक्त के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया है। अपने परिवाद में उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव हेतु उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2 करोड़ राष्ट्रीय ध्वज ख़रीदे जाने का कार्य उत्तर प्रदेश राज्य हथकरघा निगम लिमिटेड, कानपुर को दिया गया। इस हेतु जेम पर बिड प्रकाशित की गयी जिसमे न्यूनतम बिड रु० 17.51 प्रति झंडे का आया पर हथकरघा निगम के अफसरों ने इसे दरकिनार कर मैन्युअल टेंडर की प्रक्रिया अपनाते हुए रु० 20 प्रति झंडे के दर से कई फर्मों को टेंडर दिया। अमिताभ और नूतन ने कहा है कि भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार का यह स्पष्ट निर्देश है कि 5 लाख रुपये से ऊपर का प्रत्येक टेंडर ऑनलाइन प्रणाली से जेम के माध्यम से ही दिया जायेगा। यहाँ तक कि जेम में नेगोशियेशन तक की पूरी व्यवस्था दी गयी है। राष्ट्रीय धवज खरीद मामले में पहले तो जेम पर प्रक्रिया प्रारंभ की गयी किन्तु इसके बाद करोड़ों के टेंडर की पूरी प्रक्रिया ऑफलाइन की गयी. इतना ही नहीं, इसमें कुछ ऐसे फर्म तक को टेंडर दिए गए जिन्होंने शुरु में टेंडर के लिए आवेदन तक नहीं दिया था।
अमिताभ और नूतन ने कहा कि ऑनलाइन टेंडर की प्रक्रिया किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को रोकने के लिए ही शुरू की गयी, किन्तु प्रथमद्रष्टया इस मामले में उसका व्यापक उल्लंघन दिखता है. अतः उन्होंने मामले की जाँच कर कार्यवाही की मांग की है।उन्होंने यह भी बताया कि कुछ फर्मो ने जेम पोर्टल पर अपलोड बिड में मांगे गए प्रपत्र लगाए ही नही जैसे ईमडी एवं अन्य प्रपत्र और उन्हें विभाग के आलाधिकारीयों ने उनको सफल मानते हुए आगे की स्टेज में बढ़ा दिया इस तरह की गड़बड़ियां साफ संदेश दे रही है कि आलाअधिकारियों जिनमें प्रबंध निदेशक कैलाश प्रताप वर्मा व लखनऊ रीजनल मैनेजर अनिल कुमार सिंह, कमलेश कुमार, सोमनाथ मौर्या, व विभाग के लेखाकार पद से रिटायर कर्मचारी जो कि वर्तमान में प्रबंध निदेशक कैलाश प्रताप वर्मा की देखरेख में आउटसोर्सिंग के माध्य्म से लेखाकर पद पर कार्यरत सुधीर कुमार सिंह के विरुद्ध जांच कर कठोर से कठोर कार्यवाही करने की मांग की है।