प्रधान संपादक की रिपोर्ट
लखनऊ-उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम के 42 कार्मिक बिना सूचना के वर्षों से गायब हैं। इनमें सहायक अभियंता, चिकित्साधिकारी, अवर अभियंता, प्रवक्ता, टीजी (द्वितीय), श्रमिक व धावक तक शामिल हैं। उत्पादन निगम के अध्यक्ष एम. देवराज ने इसे गंभीरता से लिया है और तीन कार्मिकों को बर्खास्त करते हुए अन्य को नियमानुसार निगम से बाहर करने का सख्त निर्देश दिया है।उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम की सोमवार को हुई समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव ऊर्जा, उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन व उत्पादन निगम के अध्यक्ष एम. देवराज को बताया गया कि कई कर्मचारी व अधिकारी बिना सूचना के अवकाश स्वीकृत कराए लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे हैं। निगम की विभिन्न तापीय उत्पादन इकाईयों में ऐसे कार्मिकों की संख्या 42 बताई गई, जो वर्षों से गायब हैं। पनकी व ओबरा में कार्यरत प्रदीप कुमार टीजी (द्वितीय), श्रमिक रज्जनलाल व संतोष कुमार को बिना सूचना गायब रहने पर बर्खास्त कर दिया गया है।समीक्षा बैठक में अध्यक्ष ने कहा कि ऐसे लोगों को निगम से नियमानुसार बाहर करिए, क्योंकि इससे कार्य प्रभावित होता है और उनकी जगह पर जरूरत के हिसाब से नई भर्ती भी नहीं हो पाती है। अब निगम की इकाइयों से गायब रहने वालों को तेजी से बाहर किया जाएगा।निगम अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में विद्युत की रिकार्ड आपूर्ति की जा रही है। विद्युत उपलब्धता के लिए उत्पादन निगम की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। हमें पूरी सजगता बरतनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश में अत्यधिक गर्मी के कारण विद्युत की मांग बढ़ी है। इसलिए अधिकतम विद्युत उत्पादन करने का प्रयास करें।
इससे प्रदेश में विद्युत उपलब्धता बढ़े और उपभोक्ताओं को अधिकतम विद्युत आपूर्ति की जा सके। विद्युत उत्पादन की जो इकाईयां तकनीकी या किसी अन्य कारणों से उत्पादन नहीं कर रही हैं, उन्हें शीघ्र चालू करने का प्रयास युद्धस्तर पर करें। बैठक में उत्पादन निगम के प्रबंध निदेशक पी. गुरुप्रसाद व निगम के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।